26 वी माही पंचकोशी पदयात्रा सरदारपुर……. विशाल एवं भव्य चुनरी यात्रा….. 31 जनवरी 2023, पांच दिवसीय पदयात्रा प्रारंभ 1 फरवरी 2023 से,

धार्मिक रिपोर्ट-: 
धर्मेंद्र श्रीवास्तव, 
मध्य प्रदेश का धार्मिक स्वाभिमान, 
माही पंचकोशी पदयात्रा सरदारपुर धार, 
कर्क रेखा को दो बार काटने वाली नदी,
माही सागर…….
महाकाल की विशेष प्रिय नदी महीसागर,,

उद्गम क्षेत्र मिंडा सरदारपुर से लेकर खंभात की खाड़ी तक 108 शिवलिंग के प्रमाण है, जो माही तट पर स्थित है, अलग-अलग शिव लिंग के अलग-अलग पूजन विधान,

(20600) तीर्थों का सार है माही नदी,

संपूर्ण ब्रह्मांड में यह पहला तीर्थ है,

जिसके जल में विसर्जित हड्डियां पूर्ण रूप से गल कर मिट्टी बन जाती है, रविवार को एक बार माही स्नान 5 बार गंगा स्नान के बराबर है,

समस्त नदियों का वार सोमवार है,

माही नदी का वार रविवार है,

स्कंद पुराण  कुमारीका खंड में माही नदी का विस्तार से धार्मिक वर्णन है, श्रृंगी ऋषि की कथा भी माही नदी से जुड़ी हुई है,

सरदारपुर से 30 किलोमीटर दूर झकनावदा के पास माही सागर डैम के बीच में बसा सिंघेश्वर धाम श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि है,

जहां दो नदियों का संगम है,

मधु कन्या एवं माही नदी,

यह तीर्थ क्षेत्र गुप्त तीर्थक्षेत्र है,

नर्मदा नदी के बाद यह पहली नदी है,

जिसकी परिक्रमा भक्तजन अपनी अपनी मनोकामना के साथ करते हैं, माही नदी की परिक्रमा से मान, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा, धन, वैभव एवं राज्य सुख प्राप्त होता है,

मनुष्य धन धान्य एवं संतान संतति से परिपूर्ण हो जाता है,

माही नदी की ध्वजा केसरिया रंग की है,

मां को माखन एवं दूध दही का भोग लगता है,

मां का जल अमृततुल्य है,

इसके सेवन एवं स्नान से सैकड़ों रोगों का नाश होता है,

पंचकोशी पदयात्रा समिति के अध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि 26 वी पंचकोशी पदयात्रा की तैयारियां भक्त जनों के माध्यम से की जा रही है, जो पूर्णता की ओर है….