मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल की रिपोर्ट………
धर्मेंद्र श्रीवास्तव………
“जल”मनुष्य जीवन का मूल आधार…..
इसके बिना जीवन की कल्पना है,
निराधार……..देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय,
नरेंद्र दामोदरदास मोदी कहने, को तो मूल रूप से देश की संस्कृति, सभ्यता, धर्म, और मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर सजग और सक्रिय है, यह महामना जब और ज्यादा देश के लिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं, तब यह देखने में आता है, कि उनके विचारों की दृढ़ता संकल्प सिद्धि के साथ-साथ कार्य को सिद्ध हस्त कर दिखाई देती है, वर्षों इस देश में स्वतंत्रता के पश्चात एक पार्टी के हाथ में सत्ता रही और, परिवारवाद लगभग 6 दशकों तक इस गौरवशाली देश पर हावी रहा, कई योजनाएं बनी, और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जमीनी स्तर पर कहीं कोई स्थायित्व किसी कार्य को लेकर दिखाई नहीं दिया,
लंबे अंतराल के बाद लगभग एक दशक से यह देश प्रगति की ओर अग्रसर हुआ,
विश्व कीर्तिमान की ओर अग्रसर हुआ,
रक्षा क्षेत्र में दृढ़ संकल्पित होकर देश का मस्तक स्वाभिमान से ऊंचा हुआ,
वही मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ कुछ वर्ष महामारी की चपेट ने इस देश को ले लिया, लेकिन दृढ़ संकल्प ऐसा की आज वह महामारी इस देश के लोगों से कोसों दूर हो गई,
और आज औषधि चक्र के माध्यम से इस देश का जन-जन सुरक्षित है,
लिखने को तो बहुत कुछ है, पर आज हम अपने लेख में बात करेंगे शुद्ध पेयजल की, संकल्प सिद्धि के साथ यह कार्य नित प्रगति के आयाम गढ़ रहा है, संकल्प इतना बड़ा की कल्पना भी नहीं की जा सकती, कि पूर्ण होगा किंतु यथार्थ के धरातल पर सिद्धहस्त होकर आज पूरा देश आश्चर्य कर रहा है,
कि वह संकल्प जिसका आरंभ 2019 से हुआ और 2024 तक पूर्ण किया जाना है,
किसी हल्के पतले के बूते की बात नहीं,
धैर्य और विवेक के साथ आगे बढ़ते हुए हमारे देश के महामना प्रधानमंत्रीजी वह संकल्प जिसमें कहा गया (2024) तक भारत वर्ष के 1/1 ग्राम में नलो के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाना, बिना थके 17 से 18 घंटे कार्य करना, एक योजना नहीं अनेक योजना पर मस्तिष्क को केंद्रित रखा कार्य करना,
(आश्चर्य किंतु सत्य का प्रमाण है!)
योजना की निगरानी मशीनरी के साथ सीधा संवाद, अधिकारी, कर्मचारियों में कार्य के प्रति लगन शीलता को फूकना किसी अन्य व्यक्ति के बस की बात नहीं, यह तो केवल और केवल मोदी जी के अंदर ही है,
एक समय था, जब सुदूर ग्रामीण आंचलिक क्षेत्र के ग्रामवासी वर्ष के केवल और केवल 4 महीने ही ठीक से पानी का उपयोग कर पाते थे, और पानी उनकी पहुंच में रहता था, और 8 माह उन्हें पानी के लिए दूर-दूर भटकना पड़ता था,
लेकिन अब वह एक बीते हुए अतीत की कहानी बनता नजर आ रहा है, क्यों????
क्योंकि????
योजना साकार रूप ले रही है,
यथार्थ के धरातल पर उतर रही है,
आने वाले कुछ महीनों के पश्चात,
ग्रामीण महिला पुरुष किशोर बच्चे जो पानी के लिए दिन भर में लगभग 3/3 यात्राएं 3 से 4 किलोमीटर की प्रतिदिन करते थे,
और कर रहे हैं, कुछ महीनों के बाद विश्राम की ओर अग्रसर होंगे, यह अब वृहद योजना तीव्र गति से कार्य को प्रगति की ओर ले कर चल रही है,
घरों तक नलो को पहुंचाने का कार्य तेज गति से चल रहा है, और उन ग्रामीणों तक शुद्ध पानी पहुंचाने का बीड़ा उठाए, शासकीय मशीनरी तीव्र गामी जतन के साथ इस कार्य को पूर्ण करने में लगी हुई है,
वही भारतवर्ष के संपूर्ण जिले में इसकी मानिटरिंग में लगे आईएस अधिकारी सघनता से, ग्राम ग्राम संपर्क करके योजना की निगरानी अपने अमले के साथ कर रहे हैं,
ग्रामीण जन जन का मन है प्रफुल्लित,
मिलेगा शुद्ध जल अब जीवन के,
हर क्षण, हर पल, घर घर,
जल जीवन मिशन,
जन जन का मिशन,
ग्राम ग्राम का मिशन,
“जल जीवन मिशन”