नगर के चुनावी मैदान में, पुण्य सलिला माही पर भी हो चर्चा, प्रतिदिन पुरुषों के साथ-साथ लगभग 200 महिला श्रद्धालु आ रहे, डुबकी लगाने,

मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल,
धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
नगर की धार्मिक धारा,
पुण्य सलिला महिसागर,
पतितो का उद्धार करने वाली स्कंद पुराण के कुमारीका खंड में जिसका वर्णन पतितो का उद्धार करने वाला है,
सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाला है,
मध्य प्रदेश का धार्मिक स्वाभिमान रखने वाली,
कर्क रेखा को दो बार काटने वाली यह नदी,
आज अपने अस्तित्व को,
खोती जा रही है, सूखकर गड्ढे में परिवर्तित हो गई है,
आस्था विश्वास और पवित्रता के साथ इसमें डुबकी लगाने का भाव लिए नगर से लगे पास के जिले झाबुआ से अपनी मनोकामना की सिद्धि को लेकर लगभग 200 महिला पुरुष श्रद्धालु प्रतिदिन आ रहे हैं, इसके तट पर,
अपने आस्था के भाव को अडिग रखते हुए नदी से गड्ढा बनी मा माही में डुबकी लगाने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं,
वही पूरे नगर की गंदगी वर्षों से नालियों एवं अन्य माध्यमों से ड्रेनेज के पानी के रूप में माही में जाकर मिल रही है,
आस्था श्रद्धा और विश्वास का केंद्र माही नदी मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के साथ-साथ राजस्थान एवं गुजरात के श्रद्धालुओं का भी धार्मिक केंद्र है,
यहां से होकर निकलने वाली पंचकोशी भक्तों की मान मन्नत को पूर्ण करने वाली है,
प्रतिवर्ष पंचक्रोशी के पहले नदी में पानी सूखने स्थिति में चला जाता है,
इस वर्ष भी यही स्थिति है,
इस चुनावी वर्ष में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ मैदान में उतरे प्रत्याशियों को, जनहित, धार्मिक हित को दृष्टिगत रखते हुए,
पुण्य सलिला माही की पवित्रता बनाए रखने पर और किस तरह से यह कल कल करती बहती रहे श्रद्धा और विश्वास के साथ नगर में प्रवेश कर रहे हैं श्रद्धालुओं के पापों को धोती रहे इस पर भी कार्य करने पर विचार करना चाहिए,
प्रत्येक चुनावी वर्ष में मैं,
दोनों ही पार्टियां माही को लेकर अपने-अपने पक्ष रखती है,
अपने अपने घोषणा पत्र में बड़ी-बड़ी घोषणाओं को स्थान देती है,
???? किंतु????
जमीनी स्तर पर कोई कार्य होता दिखाई नहीं देता है,
अभी तक माही नदी के आसपास जो कार्य हुआ है,
वह प्रतिवर्ष केवल और केवल माही पंचकोशी यात्रा समिति के प्रयासों से ही हुवा है,
नगर की प्रमुख सरकारी संस्था नगर परिषद इसमें अभी तक दोनों ही पार्टियां विजयश्री प्राप्त कर अपनी अपनी परिषदों को बैठा कर पांच 5 वर्ष पूर्ण कर चली गई,
किंतु किसी ने भी पुण्य सलिला मां माही के अनवरत बहने पर कोई कार्य नहीं किया है,
देखते हैं,
इस वर्ष दोनों ही प्रमुख पार्टियों के घोषणापत्र के साथ-साथ चुनाव की पूर्णता के पश्चात विजयश्री होकर परिषद में राजकाज संभालने वाली परिषद किस स्तर तक माही को लेकर कार्य करती है,
या घोषणाओं में ही बनी रह जाती है……….!!!!…….!!!!!!