सरदारपुर नगर का मुद्दा जो कभी हल ही नहीं हुआ, कभी गुप्त रूप से तो कभी उजागर होकर, हावी रहा चुनावी मुद्दा,

मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल,
धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
कभी जिले का स्थान रखने वाली यह सरदारपुर नगरी…

शहीद राणा बख्तावर सिंह का स्वाभिमान और सरदार सिंह बाबा कि यह नगरी आज मुट्ठी भर मतदाताओं के साथ तहसील के परिवेश में नगर परिषद है,

धार जिले के,

संपूर्ण 13 ब्लॉक में (5381)महिला पुरुष मतदाताओं के साथ यह मतदाताओं एवं जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटी नगर परिषद है,

हम दुर्भाग्यपूर्ण  कहेंगे ,

कभी जिले का स्थान लिए  यह नगरी ऐतिहासिक रूप से भौगोलिक रूप से पूरे प्रदेश का स्वाभिमान और गौरव रही है,

वही एक मुद्दा जो कई नगर परिषद चुनाव में उजागर होकर हावी रहा,

किंतु किसी भी पार्टी के नेता ने उस पर पुरजोर कार्य नहीं किया,

तो कभी गुप्त रूप से चर्चा का विषय रहा,

उसी प्रकार इस चुनाव में भी कुछ नेताओं ने इस मुद्दे को अपने क्षेत्र ,

अपने वार्ड में चुनाव लड़ने के साथ-साथ फिर से इस मुद्दे को उछालने का कार्य आरंभ कर दिया है,

यह नेतागण अब इस मुद्दे को शांतिपूर्ण हल के माध्यम से निपटाने की बात कर रहे हैं,

तो कोई अलग से संगठन बनाकर इस मुद्दे को हल करने की बात चर्चा में ला रहे ,

और कुछ नेता कह रहे हैं,

भूमि की समस्या हल होगी तो जनसंख्या बढ़ेगी,

व्यवसाय बढ़ेगा इससे नगर का चहूंमुखी विकास होगा,

पिछली परिषदों में सबसे ज्यादा कांग्रेस की परिषदें इस नगर परिषद पर अपना राज स्थापित करके परिषद चला चुकी है,

उसमें कई बार तो 277 के मुद्दे को लेकर इसने परिषद बनाई है,

जिसमें कांग्रेस के कद्दावर नेता संजय जयसवाल इस मुद्दे को लेकर भोपाल ग्वालियर एवं न्यायालइन प्रक्रियाओं में सक्रिय ,

किंतु कुछ वर्षों से इस मुद्दे को लेकर उन्होंने भी मौन धारण कर रखा है,

(जो जनमानस में चर्चा का विषय है,)

देखना है,

इस नगर परिषद चुनाव में वह किस मुद्दे के साथ अपनी पार्टी का झंडा उठाते हैं,

वही दूसरी पार्टी भाजपा रही इसने गुप्त रूप से ( 277 ) हवाला देकर अपनी परिषद बैठाई थी,

किंतु असल रूप में इस मुद्दे पर दोनों में से किसी ने भी मेहनत नहीं की,

और यहां का मतदाता ठगा सा रह गया,

आज जहां संपूर्ण धार जिले में,

सभी परिषदों में वोटों का आंकड़ा (10000 ) के लगभग मतदाताओं को छूता हुआ है,

वही ग्वालियर स्टेट के समय जिला रहा,

यह नगर केवल और केवल “5381” मतदाताओं के साथ आज भी अपने विकसित होने की बाट जो रहा है,

आश्चर्य की बात तो यह है,

कि इस तहसील की कुछ ग्राम पंचायतें है,

जो मतदाताओं की संख्या में इससे कहीं अधिक है,

जिसमें मुख्य रुप से राजोद, ,दसाई, ,लाबरिया, बरमंडल, ,रिंगनोद, अमझेरा और भी ऐसी कई पंचायत ,है, जिनकी जनसंख्या एवं वोटर संख्या सरदारपुर तहसील मुख्यालय से कहीं अधिक है,

देखना है, इस बार मतदाता किन मुद्दों के साथ नेताओं को अपना अमूल्य वोट देता ,है,

या यह मुद्दा एक बार फिर से ऐतिहासिकता को प्राप्त करता है,

और मुद्दा ही बनकर रह जाता है,

ऐसे और भी असल समाचारों के साथ आपके साथ बना हुआ है,

मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल,

मतदाता साथियों आप भी बने रहिए,

मध्य प्रदेश न्यूज़ पोर्टल के साथ……