समाचार संकलन-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव
आचार संहिता लागू होते ही,
नगर परिषद चुनाव की घोषणा होते ही,
नए नए प्रत्याशी उभर कर सामने आ रहे हैं,
पिछले 5 वर्षों से जो अपने अहंकार में चल रहे थे,
अब झुकते हुए नजर आ रहे हैं…….
(सरदारपुर नगर परिषद चुनाव)
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के आका,
अपने-अपने प्रत्याशियों को तैयार करने में लगे हुए हैं,
दोनों ही पार्टियों से गुप्त रणनीतियां बनना आरंभ हो चुकी है,
तो निर्दलीय प्रत्याशी भी आकाश कुसुम सजाए हुए हैं,
चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन से पार्षदों का महत्व बढ़ गया है,
इस बार अध्यक्ष का चयन पार्षदों के माध्यम से होगा,
नगर परिषद सरदारपुर में अध्यक्ष का पद आदिवासी महिला प्रत्याशी के खाते में गया है,
इसलिए मुख्य रूप से मतदाताओं की दृष्टि एवं संख्या बल के आधार पर प्रत्याशियों को सबसे अच्छा वार्ड,
वार्ड क्रमांक 14, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड दिखाई दे रहा है,
दोनों ही पार्टियों के नेतागण इस जुगत में लग चुके हैं,
कि वार्ड क्रमांक 14 जोकि आदिवासी महिला प्रत्याशी वार्ड के रूप में आरक्षित है,
और चुकी भौगोलिक दृष्टि से यह वार्ड बहुत ही सुरक्षित वार्ड है,
और यहां अधिकांश मतदाता सामान्य एवं पिछड़ी जाति के निवासरत है,
जिन्हें साधने में दोनों प्रमुख पार्टियां भाजपा एवं कांग्रेस के साथ-साथ निर्दलीय पार्टियों के प्रत्याशी भी……….
(हाथा जोड़ी और पगा पड़ी)
के रूप में अपने राजनीतिक अभिनय के प्रथम भाग को प्रदर्शित करना आरंभ कर दिया है,
और चौपालों , चौराहों, चाय की गुमटीओ पर प्रत्याशी,
अपनी-अपनी जुगत लगाने में लग चुके हैं,
वही यह नगरीय परिषद चुनाव जिसमें महत्वपूर्ण स्थिति निर्मित होती हुई नजर आ रही है,
1 से लेकर 15 वार्ड तक वहां चर्चाओं का दौर केवल और केवल पार्षदों के चयन को लेकर चल रहा है,
नगर में फुसफुसाहट है, कि कांग्रेसी एवं अन्य पार्टियों से ज्यादा भाजपा के कुछ नेता आंतरिक रुप से नगर के 15 वार्डों में अपनी राजनैतिक चौसर बिछाने में लग चुके हैं,
एवं 15 वार्ड को लेकर नगर में भाजपा की ओर से बैठकों का दौर भी आरंभ हो चुका है,
पार्षद प्रत्याशी के रूप में लड़ने वाले महिला पुरुष अपना-अपना दावा पेश करते हुए भी नजर आ रहे हैं,
दूसरी तरफ…….
मतदाता भी सक्रिय होकर अपने समय का इंतजार कर रहा है,
देखना है……… सरदारपुर नगर परिषद का राजनैतिक ऊंट किस करवट बैठता है???