परिवार विघटन……. लेख….. धर्मेंद्र श्रीवास्तव,

(परिवार विघटन)
पारिवारिक ताने-बाने को जोड़ता लेख…..
लेख-:धर्मेंद्र श्रीवास्तव
संयुक्त परिवार में विघटन का मुख्य कारण…….
जब संयुक्त परिवार और उसमें निवासरत प्रत्येक सदस्य अपनी कर्मठता से अपने परिवार का संयुक्त कार्य समझ कर बिना किसी भेदभाव के बिना किसी लालच और स्वार्थ के लगातार कर्म करते रहते हैं,
तब तक संयुक्त परिवार में विघटन की संभावना कम होती है,
समय का चक्र आगे बढ़ता है और परिवार में निवासरत भाई बहनों की जब वैवाहिक परिस्थितियां निर्मित होती है तो उसी के बाद से परिवार में विघटन का दौर आरंभ होता है,
और यह दौर कहीं-कहीं तीव्र गति से आरंभ हो जाता है,
और किसी परिवार में धीमी गति से इसके मुख्य कारणों में छोटे से बड़े विषयों पर परिवार के लोगों का आपस में संवाद ना होना अकेले-अकेले लाभ हानि के बारे में विचार करते रहना…..
जिससे कुछ समय के पश्चात परिवार में विघटन के दौर को तीव्रता मिलती है, वही दूसरा मुख्य कारण है,
(कानाफूसी)
एक मूल कारण तो हुआ परिवार के लोगों का आपस में बात न करना और दूसरा मूल कारण है बाहरी व्यक्तियों के साथ घर परिवार की बातें शेयर करना इससे सबसे बड़ा नुकसान होता है,
आपकी बातें बढ़ा चढ़ाकर अमुक व्यक्ति तक पहुंचती है,
और विघटन रुकने के बजाय और खतरनाक हो जाता है,
यहीं से आरंभ होता है,
परिवार के टूटने का सिलसिला जब परिवार का एक व्यक्ति अपने आस-पड़ोस, एवं अन्य व्यक्तियों के साथ खाली समय में बैठकर अपने परिवार में हो रही घटनाओं के बारे में उनके साथ कानाफूसी करता है,
तो अमुक व्यक्ति पड़ोसी दूर का रिश्तेदार जो भी हो वह आपके द्वारा की गई बातों को बढ़ा चढ़ा कर आपके परिवार में जिसके साथ आप की नहीं बन रही है,
उसको सुनाता है,
ज्ञात रहे वह व्यक्ति जिसके साथ आपने बातें साझा की है,
वह जिस प्रकार से हम,
(जामफल) को काटकर मिर्ची मसाला डालकर खाते हैं,
उसी प्रकार वह आपके द्वारा की गई बातों को मिर्ची मसाला डालकर बढ़ा चढ़ा कर आपके संबंधियों को चटकारे ले लेकर बिना थाली के परोस देता है, जिससे आपके बंधुजनों का पारा और ज्यादा बढ़ जाता है,
और ग्रह कलेश का रूप धारण कर लेता है,
जिससे विघटन की यह खाई पाटने की बजाय और ज्यादा गहरी हो जाती है, और संबंधों में सुधार की बजाएं विरोध का स्तर बढ़ जाता है,
और यह कानाफूसी एक बड़ा रूप धारण करके हाथापाई चिल्ला चोट और अन्य तरीकों के रूप में जन्म ले लेती है,
पारिवारिक विघटन को रोकने का मुख्य उपाय केवल एक ही है,
इधर उधर की सुनने के बजाय जो आपके, अपने है,
उनकी बातों को गौर से सुने परिवार के सभी लोगों के साथ बैठकर साझा करें,
इसी से परिवार का विघटन समाप्त होगा,
और परिवार विघटित होने से बचाया जा सकता हैं,