वाहन यात्रा का महत्वपूर्ण अंग सीट बेल्ट……

मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल-:
धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
यात्रा के पूर्व सुरक्षित रूप से धारण करें रक्षा पेटी,
दुर्घटना के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं एयरबैग्स,
कार चलाते समय अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण होती है,
यातायात नियम में यह महत्वपूर्ण अंग है,
अधिकांश हादसे हमारे नहीं दूसरों की गलतियों से घट जाते हैं,
इसलिए स्वयं की सुरक्षा महत्वपूर्ण है,
और इसका प्रमुख अंग है,
(एयर बैग्स)
हम कार यात्रा के समय किन बातों का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए इस को लेकर हम आगे मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे जो हमें सुरक्षित रूप से यात्रा के दौरान हमें सुरक्षित रखेंगे,
आइए हम महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ आगे बढ़ते है,
सीट बेल्ट-: चार पहिया वाहनों में मुख्य रूप से यह महत्वपूर्ण व्यवस्था है किंतु कार चालक एवं कार के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्रीगण इस महत्वपूर्ण बिंदु को हमेशा नकार देते हैं,
इस छोटी सी सुरक्षा व्यवस्था को स्वीकार करने में असहज महसूस करते हैं, जो दुर्घटना में बड़े दुष्परिणाम का कारण होती है,
हमें मुख्य रूप से कार में सीट पर बैठते ही सीट बेल्ट का उपयोग आरंभ कर देना चाहिए शरीर पर धारण कर इससे हमारा एक बहुत बड़ा सुरक्षा चक्र तैयार हो, जाता है सीट बेल्ट मुख्य सीट पर बैठने वालों के लिए ही आवश्यक नहीं अपितु सभी यात्रियों के लिए आवश्यक है,
सभी वाहनों में इसका प्रावधान प्रमुखता से रहता है,
अगर आपकी कार में एयरबैग्स लगे हुए हैं तो सीटबेल्ट्स धारण करना और ज्यादा आवश्यक हो जाता है,
यदि आपके साथ कोई घटना घटती है,
जो दुर्घटना का रूप धारण कर लेती है, तो यदि आपके शरीर पर सीट बेल्ट लगे हुए हैं,
तब ही दुर्घटना के समय एयर बैग खुलते हैं,
अन्यथा वह बंद ही रह जाते हैं,
और आप बड़ी दुर्घटना का शिकार होकर मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं,
आपको पता हो तो जाने माने उद्योगपति साइरस मिस्त्री की मृत्यु का मूल कारण उनके द्वारा सीट बेल्ट नहीं पहनना ही था,
बालक बालिका शीट-: यदि दंपत्ति किसी शिशु या अल्पायु बालक बालिका के साथ यात्रा कर रहे हैं तो बेबी सीट का उपयोग अवश्य करना चाहिए और उस बालक बालिका को बेल्ट से बांधकर ही रखना चाहिए बच्चों को सुरक्षित यात्रा हेतु पिछली सीट ही महत्वपूर्ण होती है,
अपने छोटे बच्चों को कभी भी आगे की सीट पर नहीं बैठा ना चाहिए क्योंकि दुर्घटना के समय छोटी सी दुर्घटना भी बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकती है,
दूरभाष पर संवाद पूर्णतया वर्जित-: हमें यह सूत्र कंठस्थ कर लेना चाहिए कि कभी भी वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात एवं मैसेज का आदान-प्रदान कदापि नहीं करना चाहिए,
ऐसा करने से मस्तिष्क विपरीत दिशा में लग जाता है,
और हम कुछ क्षणों के लिए हमारा ध्यान भटका लेते हैं,
और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं,
उपरोक्त वर्णन वैज्ञानिक तथ्य के आधार पर है,
यह सत्य है, कि हमारे मस्तिष्क का हिस्सा उस समय केवल और केवल संवाद में ही लगा रहता है,
और उन क्षणों के अंतराल में हम दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं,
और परिणाम में,अपंगता या मृत्यु प्राप्त होती है,
पीली बत्ती-: हर वाहन चालक यह जानता है कि पीली बत्ती इस बात का संकेत है, कि कुछ क्षणों में लाल बत्ती होने वाली है,
किंतु हम वाहन की गति धीमी करने की, जगह और तीव्र कर लेते हैं
कि जल्दी-जल्दी चौराहे को पार कर ले,
किंतु ऐसा कदापि नहीं करना चाहिए,
यह भी दुर्घटना का एक मुख्य कारण हो सकता है,
इन कारणों से सबसे ज्यादा दुर्घटना ग्रस्त पैदल चलने वाले लोग होते हैं,
जिनकी इस दुर्घटना में कोई गलती नहीं होती,
शारीरिक और मानसिक थकावट-:छोटे से लेकर बड़ी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मानसिक और शारीरिक थकावट मूल रूप से अपना स्थान रखती है,
यदि हमें कार ड्राइविंग करते समय ऐसा अनुभव हो रहा हो कि हम थक चुके हैं,
हमारी आंखें बंद सी हो रही है,
तो तुरंत वाहन चलाना बंद कर दें,
और कुछ घंटों के लिए आराम करें इस नियम का पालन हाईवे पर ही नहीं किंतु हमारे नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर ड्राइविंग करते समय भी करें तब ही हमारा और अन्य लोगों का जीवन सुरक्षित हो सकेगा और हम सही रूप में सुरक्षा नियमों का पालन करने वाले कहलाएंगे…..
यातायात नियमों का होगा पालन,
तभी रहेगा जीवन सुरक्षित,