इंदौर, 22 अक्टूबर। शहर के सभी 85 वार्डों में नगर निगम द्वारा संजीवनी क्लीनिक की योजना बनाई गई है। नगर निगम के माध्यम से इस तरह के सेवा केन्द्र बहुउद्देशीय होंगे। हमने शहर में 100 स्थानों पर सिटी फारेस्ट तैयार करने की योजना पर भी अमल शुरू कर दिया है। इसके लिए अधिकांश क्षेत्रों में जगह का चयन कर लिया गया है। स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य भी जुड़ा होना चाहिए। सिटी फारेस्ट विकसित करने हेतु विभिन्न संस्थाओं को एक-एक सिटी फारेस्ट गोद दिए जाएंगे। गीता भवन ट्रस्ट और मित्तल फाउंडेशन ने इस अस्पताल का कायाकल्प कर एक नया काम शुरू किया है, जो अभिनंदनीय तो है ही, इसमें नगर निगम की सहभागिता भी सुनिश्चित करना चाहिए।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आज गीता भवन ट्रस्ट बीएम मित्तल हास्पिटल के नवश्रृंगारित भवन का शुभारंभ करते हुए उक्त बातें कहीं। सांसद शंकर लालवानी के मुख्य आतिथ्य, राज्य आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे और राज्य के उपमहाधिवक्ता उमेश गजांकुश के विशेष आतिथ्य में इस नए हास्पिटल भवन का लोकार्पण वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया। समाजसेवी विनोद अग्रवाल, गोपालदास मित्तल, टीकमचंद गर्ग, राजेश गर्ग केटी, विष्णु बिंदल, सुनील गुप्ता, अशोक ऐरन सहित अनेक गणमान्य नागरिक इस मौके पर उपस्थित थे। प्रारंभ में मित्तल फाउंडेशन के की ओर से दिनेश मित्तल, हास्पिटल की डायरेक्टर डॉ. दिव्या गुप्ता, अंशुल मित्तल, अंकित मित्तल, गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी, मनोहर बाहेती, प्रेमचंद गोयल, पवन सिंघानिया, हरीश जाजू ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. निशांत खरे ने अस्पताल के संस्थापक बाबूलाल मित्तल की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
अस्पताल की जानकारी देते हुए डायरेक्टर डॉ. दिव्या गुप्ता एवं ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन ने बताया कि वर्ष 1996 में गीता भवन के तत्कालीन ट्रस्टी बाबूलाल मित्तल द्वारा गीता भवन के सहयोग से स्थापित यह हास्पिटल केवल महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए ही सेवारत है। अब मित्तल फाउंडेशन की ओर से इस हास्पिटल भवन का कायाकल्प किया गया है। यहां दो नए वातानुकूलित ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं तथा 25 बिस्तरों की क्षमता के साथ यहां 8 महिला चिकित्सक एवं 18 स्वास्थ्यकर्मी 24 घंटे अपनी सेवाएं देंगे। यह हास्पिटल सेवाओं के मामले में सबसे श्रेष्ठ और दाम के मामले में सबसे कम दरों पर आम लोगों के उपलब्ध रहेगा। मित्तल फाउंडेशन ने मात्र 8 माह की अवधि में इस हास्पिटल का कायाकल्प पूरा कर दिखाया है। अब यहां फोटो थैरेपी मशीन एवं बेबी वार्मर के साथ ही भविष्य में प्रसूति में काम आने वाले अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे। नए भवन में अस्पताल के विस्तार के लिए पर्याप्त गुंजाईश रखी गई है। यह केवल प्रसूति के लिए ही नहीं, बल्कि गर्भ संस्कार केन्द्र तथा सिकल सेल और प्रसूताओं के लिए काउंसलिंग सेंटर के रूप में भी काम करेगा।
कार्यक्रम में राज्य आपदा प्रबंधन समिति के प्रमुख डॉ. निशांत खरे ने राज्य में शिशु मृत्यु दर कम करने की दिशा में भी काम करने का सुझाव दिया। उप महाधिवक्ता उमेश गजांकुश ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में गीता भवन एवं मित्तल फाउंडेशन ने एक बड़ा काम किया है। यहां यदि माताओं के साथ बच्चों को संस्कारित करने का काम भी होता है तो यह एक नए युग का उदय होगा। गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री राम विलास राठी, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आर.के. गौर, प्रेमचंद गोयल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सांसद शंकर लालवानी ने इसे शहर के हित में बड़ी उपलब्धि बताया और विश्वास व्यक्त किया कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में गीता भवन ट्रस्ट की गतिविधियां पीड़ित मानवता की सेवा में निरंतर समर्पित भाव से जारी रहेंगी। अंत में मित्तल फाउंडेशन के प्रमुख दिनेश मित्तल ने आभार माना।