मुस्कान जन जागृति समिति ने बस्ती विकास एवं बाल शिक्षा के महत्व को बढ़ाने के लिए हुनर आर्ट अभियान आरंभ किया

इंदौर । आज़ादी के अमृतमोहत्सव के महत्व को बताते हुए सँस्था सचिव शालिनी रमानी ने बाल एवं महिला साक्षरता को बढ़ाने के लिए हर बस्ती में एक होम स्कूल वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर खोलने का प्रण लिया था जहाँ मात्र 10 से 20 रु प्रति दिवस शुल्क पर बच्चा शिक्षा ग्रहण कर सकता है।

संकल्प को दिशा देने के लिए नारायणा ई टेक्नो इंदौर ब्रांच की दसवीं कक्षा की छात्र प्रिशा रमानी ने एक कॉन्सेप्ट बनाया।

प्रिशा रमानी ने एक दिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात में आत्मनिर्भर भारत व बाल विकास योजना में खिलोने बनाने की बात सुनी उस पर गहन अध्धयन कर प्रिशा रमानी ने मॉडर्न कैलीग्राफी प्रोग्राम बनाया जिससे महिलाओं को अक्षर ज्ञान की साक्षारता के साथ रोज़गार मिल सके व बाल बच्चों को शिक्षा।

कांसेप्ट को पहले 2 होम स्कूल का निर्माण कर प्रैक्टिकल रूप में देखा गया जब यह योजना सफल होते नज़र आई तो मास्टर माइंड प्रिशा रमानी ने हुनर आर्ट नामक प्रोग्राम लांच कर टीचर्स लर्निंग समूह योजना बनाई जँहा से सँस्था युवा रोज़गार बढ़ाकर हर बस्ती में होम सकूल का निर्माण कर सके।

सँस्था ने प्रिशा रमानी को हुनर आर्ट प्रोग्राम का मैनेजिंग डायरेक्टर घोषित कर उन्हें कांसेप्ट डिज़ाइन करने के लिए सम्मान पत्र भी दिया इस योजना का संचालन सँस्था सचिव शालिनी रमानी करेंगी।

हाल ही में नारायणा स्कूल की 10वी कक्षा की छात्र प्रिशा रमानी को स्टेट लेवल ओलिंपियाड जितने पर नारायण स्कूल ने ट्रोफी और ब्रॉन्ज़ मेडल से नवाज़ा।

प्रिशा रमानी का मानना है किसी क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए पहले खुद में बदलाव लाना ज़रूरी है।जब कंप्यूटर खेल से लोगों को बांध सकता है तो शिक्षा के मार्ग भी खोल सकता है।

आज बच्चों को सही दिशा की ज़रूरत है दबाव द्वारा रटवाने या कॉपियाँ भरवाने की नहीं,आज डिजिटल मॉर्केटिंग द्वारा ट्रेनर्स ने अपने हुनर से कठिन से कठिन कांसेप्ट को सरल बनाकर कांसेप्ट को समझा दिया है जिससे बच्चा बहुत आसानी से घर में ही समझकर बढ़ी से बढ़ी परीक्षा पास कर सकता है।इससे जो माता पिता अपने बच्चों की सिक्योरिटी की वजह से स्कूल नही भेज सकते थे वह अब अपने बच्चों को शिक्षा दिलवा सकेंगे और युवाओं को टीचर की स्थायी नौकरी भी मिल जाएगी।