शादी के 13 साल बाद गूंजी किलकारियां

 

इंदौर। महिलाओं को अक्सर प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब इंडेक्स हॅास्पिटल में आईवीएफ तकनीक उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है जो प्रेग्नेंसी के दौरान काफी परेशान होती है।हाल ही में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में ऐसे ही एक दम्पत्ति ने आई वी एफ पद्धति का लाभ लेकर एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। इस दम्पत्ति को यह खुशी पूरे 13 साल बाद मिल सकी है। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,डायरेक्टर आर एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव,इंडेक्स हॅास्पिटल के सुप्रिडेंटेंड लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ.अजयसिंह ठाकुर डॅाक्टरों की टीम को बधाई दी।

*इंडेक्स हॅास्पिटल के डॅाक्टरों का मिला सही मार्गदर्शन*

दंपत्ति ने बताया किहम थक चुके थे लोगों की बातें सुन सुन कर। हमने बहुत सारी जगहों पर इलाज किया लेकिन सबने हमे निराश ही किया। जब हम बिलकुल आस छोड़ चुके थे तो हमें हमारे रिश्तेदार ने इंडेक्स हॅास्पिटल की आईवीएफ तकनीक और डॅाक्टरों के टीम के बारे में जानकारी दी। इस दम्पत्ति ने एक बार पहले भी आईवीएफ प्रक्रिया द्वारा गर्भ धारण करने की कोशिश की थी जो कि सफल नही हुई थी। डॉक्टर नीलम बागवाले के परामर्श एवं मार्गदर्शन में आई वी एफ पद्दति द्वारा गर्भधारण करने में सफलता मिली। डॅाक्टरों की टीम में डॉक्टर पूजा देओधर, डॉक्टर गजेंद्र सिंह तोमर,आई वी एफ टीम में डॉक्टर आस्था,डॉक्टर पूर्वी एवं एम्ब्रियोलॉजिस्ट खुशबू शामिल थीं। एनेस्थेटिस्ट डॉक्टर अवनिन्दर नैय्यर के मार्गदर्शन में डॉक्टर मीनल एवम डॉक्टर मेघा थे।

*आईवीएफ तकनीक कई दंपत्ति के लिए वरदान*

डॅाक्टरों के अनुसार आईवीएफ तकनीक आज शहर के कई अस्पतालों में मौजूद है लेकिन इसमें इंडेक्स हॅास्पिटल बेहतर टीम और सही मार्गदर्शन मिल रहा है। किसी कारणवश इस खुशी का अनुभव नहीं कर पाते। ऐसे लोगों के लिए आई वी एफ तकनीक किसी वरदान से कम नहीं। इसमे महिला के अंडाणु एवं पुरुष के शुक्राणु को लैब में फर्टिलाइस किया जाता है। जिसके उपरांत भ्रूण को विकसित कर महिला के गर्भ में ट्रांसफर किया जाता है।