रमेशजी ने समाज के जरुरतमंद बंधुओं की मदद के लिए अपने दरवाजे जीवन पर्यंत खुले रखे

इंदौर । अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के संस्थापक, प्रणेता और देश-विदेश में वैश्य एकता के सूत्रधार वरिष्ठ समाजसेवी रमेशचंद्र अग्रवाल ‘भाई साहब’ ने जीवन के अंतिम क्षणों तक स्वयं को समाज, शहर एवं राष्ट्र के लिए समर्पित बनाए रखा। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने समाज के जरुरतमंद बंधुओं की मदद के लिए अपने दरवाजे हमेशा खुले रखे। सामाजिक क्षेत्र में परिचय सम्मेलन, सामूहिक विवाह और अन्य आयोजनों के माध्यम से उन्होंने हमेशा समाज को नई पहचान दिलाई और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी सक्षम और संपन्न लोगों को जोड़कर अंतिम छोर पर खड़े बंधुओँ की हर संभव मदद की। वैश्य एकता की दिशा में उन्होंने जीवन पर्यंत काम किया और उन्हीं की दूरदर्शिता का परिणाम है कि आज सारे देश में वैश्य एकता साकार रूप ले रही है। उनके जैसा बिरला और अनूठा व्यक्तित्व हमेशा हमें प्रेरणा और ऊर्जा देता रहेगा।

      ये विचार हैं शहर के प्रमुख समाजसेवी बंधुओं, जनप्रतिनिधियों और वैश्य समाज के पदाधिकारियों के, जो उन्होंने आज सुबह म.प्र. वैश्य महासम्मेलन एवं अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति की मेजबानी में ब्रह्मलीन समाजसेवी रमेशचंद्र अग्रवाल के पंचम स्मृति दिवस पर स्नेह नगर स्थित अग्रसेन भवन पर आयोजित सदभावना सभा एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर में स्व. अग्रवाल के चित्र पर पुष्पांजलि समर्पित करते हुए व्यक्त किए। प्रारंभ में वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश महामंत्री अरविंद बागड़ी, सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेन्द्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मोहन सेंगर, समाजसेवी पवन सिंघानिया, दिनेश मित्तल, भरत मोदी, प्रेमचंद गोयल, टीकमचंद गर्ग, धीरज खंडेलवाल, राजेश इंजीनियर एवं अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंघल, पवन सिंघल क्रेन, प्रवेश अग्रवाल ने रमेशजी के चित्र पर पुष्पांजलि समर्पित कर सदभावना सभा का शुभारंभ किया। सभा में शहर के सभी प्रमुख वैश्य घटकों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इनमें माहेश्वरी समाज के राजेश मूंगड़, चित्तोड़ा महाजन समाज के राजेन्द्र महाजन एवं सीए महेन्द्र हेतावल, पोरवाल जांगड़ा समाज के सुभाष धनोतिया, दिगम्बर जैन समाज के राजकुमार पाटोदी, श्वेताम्बर जैन समाज के कैलाश नाहर, खंडेलवाल समाज के राजेश डंगायच, मेढ़तवाल समाज के डीसी करोड़िया, बीसी नागर वणिक समाज के नीलेश नागर, विजयवर्गीय समाज के हरीश विजयवर्गीय, मोढ मांडलिया समाज के जितेन्द्र मांडलिया, नीमा समाज के वीरेन्द्र नीमा के अलावा माथुर वैश्य समाज, अग्रहरी वैश्य समाज, गहोई वैश्य समाज, पोरवाल पुरवार समाज सहित शहर के सभी प्रमुख वैश्य घटकों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। अग्रवाल समाज की ओर से पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण मित्तल कुक्की, संजय बांकड़ा, गणेश गोयल, किशोर गोयल, संतोष गोयल, नंदकिशोर कंदोई, राजेश बंसल, राजेन्द्र समाधान, राहुल गोयल बंटी,  सुरेश रामपीपल्या, निपुण गर्ग, रजत गर्ग, मातृशक्ति की ओर से प्रतिभा मित्तल, राधादेवी मित्तल, स्वाति मंगल, भावना अग्रवाल, दीप्ति अग्रवाल, राधा-राजेन्द्र अग्रवाल, वैश्य महासम्मेलन की ओर से रमेश गुप्ता, कैलाशचंद्र खंडेलवाल, विकास डागा, साधना दगड़े, अमिताभ सिंघल सहित विभिन्न संगठनों की ओर से भी पुष्पांजलि समर्पित की गई। अनाज-तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय गोयल, शक्तिसिंह मंडलोई, अखिलेश राठी, मुकेश कचोलिया, संस्था सेवा सुरभि के संयोजक ओमप्रकाश नरेडा, राजेश कुंजीलाल गोयल, एवं विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी सदभावना सभा में शामिल रहे।

      निःशुल्क चिकित्सा शिविर – सदभावना सभा के तुरंत बाद अग्रसेन भवन पर विशाल निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श एवं जांच शिविर का आयोजन शैल्बी हास्पिटल के ख्यातनाम चिकित्सा विशेषज्ञों एवं उनकी टीम के सहयोग से किया गया, जिसमें सभी जाति एवं धर्मों के लोगों ने भाग लिया। शिविर संयोजक राजेश इंजीनियर के अनुसार 735 मरीजों ने इस शिविर का लाभ लिया, वहीं लगभग सभी मरीजों की ब्लड़ शुगर, बीएमडी, ब्लड प्रेशर एवं ईसीजी आदि की जांचें भी निःशुल्क की गई। शिविर में जिन डाक्टर्स ने अपनी सेवाएं दी उनमें जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. अनीश गर्ग, डॉ. संजय रावत, स्पाइन सर्जन डॉ. वैभव गोयल, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका पाटगांवकर ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुनील अग्रवाल, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शिरीष अग्रवाल, मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश धामेचा, किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल शुक्ला एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीनि परीख जैसे प्रख्यात चिकित्सकों ने अपनी टीम के साथ मरीजों का परीक्षण कर उचित मार्गदर्शन दिया। अग्रसेन भवन पर डॉक्टर्स के लिए विभिन्न कक्षों में 10 ओपीडी बनाई गई थी, जहां मरीजों का परीक्षण किया गया।  पीडित मानवता की सेवा की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जिसकी सभी अतिथियों ने खुले मन से सराहना की। लगभग 6 घंटे तक मरीजों के परीक्षण का सिलसिला जारी रहा। अंत में कार्यक्रम के सूत्रधार अरविंद बागड़ी ने आभार माना।