बादाम खाने के फायदे। बादाम खाने का तरीका। वात पित्त कफ प्रकृति के अनुसार कौन खाए, कौन नहीं।
बादाम को आयुर्वेद में Vataj भी कहा जाता है और इसके बारे में ऐसा कहा गया है बादाम का जो नेचर है, उसे आयुर्वेद में गर्म कहा गया है! इसे आयुर्वेद में उष्ण गर्म कहा गया है। गर्म होने के साथ साथ ushna – snigdha कहा गया है ओर साथ साथ इसका जो रस है, मधुर कहा गया है। अगर वात, पित्त, कफ में से बात करे, तो ये जो सबसे बेस्ट दवा है वो वात वालो के लिए है। क्यों वात के अच्छा है, अब वात का नेचर क्या है । वात का जो नेचर है, वो रुस्क ओर शीत है । अर्थात जो वायु होती है वो रूखी होती है , ओर ठंडी होती है। ओर वायु के कारण जो भी बीमारिया होगी ,उसके शरीर में इस तरह के गुण बढ़ जाते है। तो वायु का क्या treatment है । तो आयुर्वेद क्या बोलता है, जो भी चीज बड़ी है उसका oposite डाल दो बैलेंस हो जायेगा। जैसे कि ठंडी बहुत लग रही है ,आपने कुछ गर्म पी लिया । बैलेंस हो गया! जलन हो रही थी कुछ ठंडा खा लिया बैलेंस हो गया! तो ऐसे ही आयुर्वेद बैलेंस का science है! तो आयुर्वेद कहता है जो वात की बीमारियां होती है वो रुस्क ओर स्निग्ध के कारण होती है इसलिए ऐसी चीज डालो जो चिकनी हो। रूखापन खत्म करेगी चिकनी चीजें । वात का जो शीत गुण है वह शीत को खत्म करने के लिए गर्म चीज डालो! गर्म और चिकनी चीजें वात को खत्म करती है। तो इसका क्या गुण हुआ , Snigdha ushna इसका गुण है! वायु की जितनी भी बीमारी आप जानते हैं, आप बादाम खा सकते हैं। पित्त वाले बादाम खा सकते हैं क्या – नहीं, कफ वाले भी नहीं – उन दो प्रकृति के लिए यह उतना सूटेबल नहीं है। प्रॉब्लम करता है। ये वात वालो के लिए ज्यादा suitable है । ये बादाम जो है ना ये मज्जा धातु ओर शुक्र धातु पर बहुत अच्छा काम करता है । अर्थात ब्रेन को टॉनिक देना है ,मज्जा धातु ब्रेन ओर आखो को narish करने का काम करती है । तो बादाम बहुत अच्छा है । बचपन में हम सुनते होंगे कि 4 या फिर 5 बादाम खाने से दिमाग बढ़ता है । जी हां – ये मज्जा धातु को narish करती है । आपकि मज्जा धातु जितनी अछि होगी उतना आपका दिमाग अच्छा होगा ।
तो किस तरह के दिमाग वालो के लिए अच्छा है , ऐसे लोग जो चंचल होते हैं हमेशा कुछ ना कुछ खटपट करते रहते हैं ! शांत नहीं बैठ सकते, जिनके दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चालू रहता है या हमेशा बड़बड़ करते रहते हैं! कभी अपनी उंगली मोड़ देंगे, कभी हाथ हिलाते रहेंगे, शांत नहीं बैठते, उनको बदाम खिलाओ!
जो हमेशा सोचते रहते हैं मतलब ट्रेन का टाइम है 2:00 बजे का, और इन को सुबह 6:00 बजे से ही चालू हो जाता है ट्रेन आने वाली है ट्रेन आने वाली है देर ना हो जाए! इस तरह करने वाले को आप बादाम दे सकते हैं!
जिनको हमेशा टेंशन लेने वाला काम है ठंडी से जिनको बहुत तकलीफ होती है उन सभी के लिए बादाम बहुत अच्छे है ।
वात की जितनी बीमारी है याद आती है वात प्रकर्ति वाले आ जाओ आज ये आपके लिए ही बना है मतलब दुनिया में आप कोई फ़ूड ढूंढ रहे हो जो आपको खाने में मजा आये । बादाम – बिंदास खायो । क्यों – वात की जो जो प्रॉब्लम याद आती है , वात वालो का दिमाग बहुत चलता रहता है उनके लिए ठीक है ।
अगर आपको ड्राई हेयर की तकलीफ है , तो बादाम बहुत अच्छा है । ड्राई aye जैसी तकलीफ हो रही है वात के कारण, तो उसके लीय बादाम बहुत अच्छा है । वात प्रकृति के जो पुरुष है शुक्र धातु से जुड़ी हुई कोई समस्या है शुक्र बहुत कम बनता है या फिर शुक्र निकलते समय बहुत ज्यादा pain होता है । बहुत gases होती है । या शुक्र निकल जाने के बाद बहुत कमजोरी महसूस होती है। इस तरह से अगर शुक्र धातु से जुड़ी हुई कोई तकलीफ है तो बादाम बहुत अच्छा है । ऐसी महिलाएं जो वात प्रकर्ति की है , जिनको मासिक धर्म बहुत late से आता है मासिक धर्म आते समय बहुत ज्यादा pain होता है। गर्भ से कमजोर है या फिर एक दम दुबली पतली सी छड़ी काया टाइप की जो स्त्री है जिनका वजन ही नही बढ़ता है। कुछ भी कहा ले वजन नही बढ़ता है जिनकी हड़िया से खट ख़त की आवाजें आती है , उन सभी के लिए आपके शरीर में मतलब वात है तो आपको बादाम जरूर खाना चाहिए।
वात से रिलेटेड जो भी बीमारी याद आती है 80 की 80 बीमारियों में बादाम आपको जरूर खाना चाहिए! अगर आपको वात के कारण कहीं शरीर में दर्द हो रहा है या degenrative जो बीमारिया होती है जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस, इसमे आप बादाम खा सकते हो । या फिर masculler degenration हो रहा है इसमे भी आप बादाम खा सकते हो । ऐसे बढ़ने के कारण शरीर कमजोर होता जा रहा है, इसमें बादाम बहुत अच्छा है! उम्र बढ़ने के साथ-साथ दिमाग में चिड़चिड़ापन आता जा रहा है शरीर बहुत सूखता चला जा रहा है, बादाम बहुत अच्छा है।
तो वात से रिलेटेड सभी बीमारियों में आपको बादाम खाना चाहिए! चाहे बात के कारण आपकी शरीर में दर्द हो रहा हो या ठंडी में, AC में, पंखे में, बैठने से शरीर को तकलीफ होती हो सब शरीर को गर्मी देने के लिए, दर्द कम करने के लिए, यह बदाम आपके लिए बहुत उपयोगी है।
वात के कारण आपको सुखी खांसी आने की तकलीफ हो, वाद के कारण आपका heart कमजोर हो गया हो, वाद के कारण आपके मसल्स ठीक से ना बन रहे हो,lungs से रिलेटेड वात के कारण आपके शरीर में कोई बीमारी हो , तभी भी बादाम आपके लिए फायदेमंद है।
अब वात के कारण आपका मल बहुत सुख जाता है खासकर के वात वालो के साथ, या वात की बीमारियों में कैसा होता है । ये जो मल होता है वो एक दम सूखा हुया आता है , एक दम कड़क आता है कही बार तो इतना कड़क आता है की उसको हाथ से निकलना पड़ता है । या फिर उसके कड़क पन के कारण जो उसके अंदर की मसल्स है , उसको वह छीलते हुये आता है । ओर कई बार ब्लीडिंग भी होने लगती है । ऐसे में अगर आप बादाम का तेल 1 या 2 चम्मच पीते है गर्म दूध के साथ। तो फिर इससे आपका पेट आसानी से साफ हो जायेगा तो फिर आप भी बोल सकोगे – पेट सफा तो हर रोग दफा।
वात के कारण ऐसी लोग जिन्हें नींद न आने की तकलीफ है , या जिनको हिस्टीरिया जैसी तकलीफ होती है , जो बहुत ज्यादा जलदी डिप्रेशन में चले जाते है । उन्माद जैसी जो प्रॉब्लम है उन्माद मतलब कहि भी बोलते रहना, कहि भी गाते रहना, अपने आप में ही बड़बड़ाते रहना , आजकल टिकटोक पर भी लोग ऐसे करते है । अगर इस तरह की समस्या है तो आप उन्हें बादाम की सलाह उन्हें जरूर दे । क्यों सलाह देनी है क्योंकि उसके अंदर फास्फोरस और थायमीन बहुत अच्छी मात्रा में होता है! और फास्फोरस और थायमिन है आयुर्वेदिक शब्दों में कहूं कि ईसका तेल मजजा पे काम करता है इसलिए ये ब्रेन के लिए बेस्ट टॉनिक है।
अब इसको किस तरह खा सकते है तो वात वाले तो इसे जैसे चाहे वैसे खा सकते हैं, हा केवल इसका छिलका उतारकर खाइये । क्यों छिलका निकालकर खाइये , क्योंकि बादाम के ऊपर का जो छिलका होता है वह शरीर में जलन पैदा करने का काम करता है । इसके अंदर कुछ ऐसे लवण होते है जोकि शरीर में जलन पैदा करते है । इसलिए इसका आप छिलका निकाल देंगे तो आपके लिए ज्यादा बेटर होगा। तो 5 से 7 बादाम रात को पानी में भिगो दीजिये ओर सुबह इसको आराम से चबा चबा कर खाइये । क्यू भिगोकर कहना है क्योंकि जब भी आप कोई भी चीज भिगोते है तो वह पाचन के लिए अच्छा होता है । क्योंकि जल वहां उसके अंदर आ जाता है तो आप इसको भिगो कर खा सकते है ।
अब जानते हैं वात,पित्त, और कफ की बीमारियों में इसे कैसे कैसे खाना है तो ये सबसे बेस्ट तो वात वालो के लिए है । आप इसे गाजर के हलवे में डालकर खा सकते है , इसका तेल पी सकते हैं , ड्राई स्किन हुई है, होंठ फट गए हैं तो आप उसकी मालिश कर सकते है । दिमाग में बहुत चंचलता है तो बादाम रोगन नाम का तेल मार्केट में मिलता है, उस बादाम के तेल को नाक में डाल सकते हो! बादाम के तेल को आप नाभि पर भी लगा सकते हो! बादाम का तेल आप हर जगह यूज कर सकते हैं
अगर आप वात प्रकृति के हो तो, या वायु से रिलेटेड आपको प्रॉब्लम होती है तो, इसको भिगोकर रात में खाइए या कैसे भी फॉर्म में खाइये।
अगर आप पित्त प्रकृति के हैं अगर आप गर्म है या गर्मी से रिलेटेड प्रॉब्लम है तो बादाम आपके लिए उतना अच्छा नही है । पर क्या करे कि दिल है कि मानता नी , ऐसी वाली बात है तो बादाम को आपको मुनक्के के साथ लेना चाहिए । 10 से 20 काला मुनक्का जो होता है उसके साथ इसको पानी में भिगो दो ओर मुनक्के के साथ खायोगे तो इसकी जो गर्मी है । वो कंट्रोल हो जाएंगी आपको तकलीफ नही करेंगी ।
अगर आप कफ प्रकर्ति के हो तो आप बादाम से दूर ही रहो क्योंकि बादाम आपकि बॉडी के लिए किसी भी काम का नही है । मोटे लोग बादाम खाकर क्या करेंगे , बादाम आप जैसे लोगो के लिए फायदेमंद नही है । फिर भी अगर ऐसा है कि नही भाई , मैं तो खायउँग ही खयूंगा । तो आप इसे शहद के साथ use करे। क्योंकि इसके अंदर का जो कफ बढ़ाने वाला प्रोडक्ट है स्निग्ध गुण है, मधुर गुण है , शहद उसको कंट्रोल में कर देगा ।
तो वात वाले जैसे मन हो वैसे खायो, चलेगा! खाने में जिसमे भी मिलाकर खाना है खायो।
कई लोग कहते है कि इसे खाने के पहले ओर बाद मे नही खाना चाहिए क्योंकि इसमें प्रोटीन होती है, अरे कोई प्रॉब्लम नही होगी । आप खा सकते हो , कोई खास फर्क नही पड़ता ।
तो बादाम, वात वाले जैसे चाहो वैसे खायो , दिन मे 10 से 15 बादाम आप खा सकते हो । पित्त वाले जो तो कम यूज़ करो या फिर मुनक्के के साथ खायो । कफ वाले हो तो एकदम ही कम खायो वो भी शहद के साथ।
तो ये था बादाम का रिव्यु, ओर हा – आप जब भी बादाम खायो उसका छिलका उतारकर खायो क्योंकि यह शरीर में। जलन का काम करती है । तो ये बादाम गुरु,उष्ण, स्निग्धा, मधुरा है ये वात वालो के लिए परफेक्ट क्वालिटी है ये पचने में भारी होता है तो पाचन कम होता है तो इसे कम मात्रा में ही यूज़ करे ।
लेख – शालिनी रमानी, अपनी मुस्कान