रतलाम। संत कंवरराम नगर निवासी भगवान दास गुरनानी के निधन उपरांत उनके परिवार ने नेत्रदान कर सामाजिक सरोकार और मानवता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। गिरधारीलाल वर्धानी की प्रेरणा से परिवारजन ने इस महान निर्णय पर सहमति दी, जिससे दो जरूरतमंद व्यक्तियों को नई दृष्टि प्राप्त होगी।
नेत्रम संस्था के प्रतिनिधि हेमंत मूणत ने बताया कि दिवंगत के पुत्र सुरेश गुरनानी एवं परिजनों ने नेत्रदान की सहमति प्रदान की। इसके बाद रतलाम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. अनीता मुथा को सूचना दी गई। उनके निर्देशन में नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. रिशेन्द्र सिसोदिया के नेतृत्व में नर्सिंग ऑफिसर विनोद कुशवाह एवं चेतना साहू ने नारायण पग्गी के सहयोग से नेत्रदान की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की।
विशेष सहयोग सुशील मीनू माथुर का रहा, जिन्होंने अपने निजी वाहन से मेडिकल टीम को दिवंगत के निवास स्थान तक पहुंचाने एवं वापस मेडिकल कॉलेज लाने की संपूर्ण व्यवस्था की।
इस भावुक क्षण में ओमप्रकाश अग्रवाल, गिरधारीलाल वर्धानी, सुशील मीनू माथुर, भगवान ढलवानी, मुकेश गुरनानी, नीरज गुरनानी, जितेन्द्र पुर्षनानी सहित अन्य परिजन व समाजजन उपस्थित रहे।
नेत्रम संस्था ने गुरनानी परिवार के इस निर्णय को मानवता की मिसाल बताते हुए कहा कि नेत्रदान ऐसा महादान है जो मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन में प्रकाश बनकर जगमगाता है। संस्था ने समाज से अपील की कि अधिक से अधिक लोग नेत्रदान का संकल्प लेकर इस महान कार्य से जुड़ें।

