मलेरिया,डेंगू,चिकुनगुनिया से बचाव हेतु एडवाईजरी

रतलाम। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संध्या बेलसरे ने बताया कि वर्षा ऋतु के मौसम के पश्चात मच्छरों की अधिकता को देखते हुए जन समुदाय से अपील हैं कि मलेरिया से बचने हेतु कोई भी बुखार आने पर तुरन्त रक्त पट्टी बनवाकर /आर.डी.टी. द्वारा जांच करवाए । जांच पश्चात मलेरिया पाये जाने पर राष्ट्रीय दवा नीति के अनुसार पुर्ण रूप से दवाईयों का सेवन करें। यदि डेंगु / चिकुनगुनिया बिमारी में तेज बुखार , सिरदर्द त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा माँसपेशियों और जोड़ो का दर्द जैसे लक्षण सामने आने पर तत्काल डाक्टर से परामर्श ले एवं जिला चिकित्सालय की पैथालाजी लेब में एलाईजा टेस्ट करवायें। जांच एवं उपचार की सुविधा जिला चिकित्सालय में निशुल्क उपलब्ध हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर प्रमोद प्रजापति ने मलेरिया, डेंगू , चिकनगुनिया से बचाव हेतु उपाय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अपने घरों के आस-पास नालियों एवं गढ्ढों में पानी एकत्रित न होने देवें। रूके हुए पानी में सप्ताह में एक बार मिट्टी का तैल अथवा अपने दुपहियें वाहनों का जला हुआ तैल अवश्य डालें। ऐसा करनें से मच्छरों की उत्पत्ति रूकती हैं। पानी की टंकी, नांद, कुलर, ड्रम का पानी व अन्य एकत्रित पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें एवं पानी ढंक कर रखें। सप्ताह में एक बार अपने कुलर का पानी खाली कर पुनः सुखाकर पानी भरें। हेंड पम्प के आस पास पानी इक्कठा न होने देवें नाली बनाकर बहा देवें। सेप्टीक टैंक खुला नही रखें एवं टेंक के गैस पाईप के उपर मच्छरजाली लगावे । शाम को घरों में नीम की पत्तियों का धुंआ करें। रात में सोते समय मच्छरदानियों का उपयोग करें क्योकि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर रात में ही काटते हैं।पुरी बांह के कपडे पहनें। नारियल/सरसों के तैल में नीम का तैल मिलाकर शरीर के खुले हिस्से पर लेप करें । बुखार आने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर खुन की जांच कराकर उपचार लेवें। खुन की जांच करने की सुविधा समस्त शासकीय चिकित्सालयो, डिस्पेंसरी, आयुर्वेद औषधालय एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध हैं। अतः समस्त नागरिकों से अपील हैं कि उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप स्वतः ही मलेरिया, डेंगु, चिकुनगुनिया बिमारी से छुटकारा पा सकते हैं।