रतलाम शहर वर्षा से पहले संकट में ?

अधोसंरचना की बदहाली पर पूर्व पार्षद सीमा टाक ने उठाए सवाल

रतलाम (विशेष संवाददाता) । जैसे ही मानसून के आगमन की आहट सुनाई देती है, रतलाम शहर में जलभराव, सीवर ओवरफ्लो और सड़कों की दुर्दशा की पुरानी समस्याएं फिर सिर उठाने लगती हैं। समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद श्रीमती सीमा टाक ने नगर निगम महापौर एवं आयुक्त को पत्र लिखकर इन गंभीर विषयों पर त्वरित कार्यवाही की मांग की है।

सीमा टांक ने पत्र में कहा कि
सीवर लाइन योजना का उद्देश्य था कि वर्षाजल और गंदे पानी की व्यवस्था पृथक रहे, लेकिन योजना के क्रियान्वयन में यह बात विस्मृत कर दी गई। परिणामस्वरूप आज भी वर्षाजल नालियों के माध्यम से सीवर लाइन में जा रहा है और सीवेज ओवरफ्लो होकर सड़कों और घरों में भर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम की लापरवाही के कारण-
नालियों की समय पर सफाई नहीं होती, सीवर लाइनें अवरुद्ध हैं, जलापूर्ति पाइप लाइनें लीकेज कर रही हैं, यातायात व्यवस्था अव्यवस्थित है, और सड़कों पर मलबा और गड्ढे आमजन के लिए खतरा बन चुके हैं।

वर्षा पूर्व बचाव की मांग –
सीमा टाक ने सुझाव दिया है कि नगर निगम नालों व नालियों की तुरंत सफाई कराए, सीवेज पाइपलाइन की सफाई हो, जहां अतिक्रमण के कारण जलभराव होता है, उसे हटाया जाए, और शहर में एक आपदा बचाव बल (NDRF/SDRF जैसी टीम) का गठन कर, उसे नगर के जोनल कार्यालयों में तत्काल तैनात किया जाए।

जलभराव और संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए आपदा नियंत्रण केन्द्र तथा बचाव टीमों के नंबर जनता में प्रचारित किए जाएं, उन्होंने कहा कि दो साल बेमिसाल या दो साल बेहाल?

सीमा टाक ने नगर निगम की हालिया दो साल बेमिसाल वाली उपलब्धियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि यदि शहर की यह स्थिति बेमिसाल है, तो फिर आम जनता को स्वच्छता रैंकिंग और बुनियादी सुविधाओं में गिरावट क्यों झेलनी पड़ रही है?