ब्रह्मा, विष्णु, महेश की महिमा को समझने के लिए श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण आवश्यक है – भागवताचार्य पं.योगेश्वर शास्त्री

रतलाम । ब्रह्मा जी द्वारा रचित सृष्टि को नियंत्रित, संस्कारवान और सुखमय बनाने के लिए भगवान विष्णु और जगत पिता महादेव द्वारा रचित इस सांसारिक माया को समझने के लिए श्रीमद् भागवत कथा को जीवन में एक बार अवश्य श्रवण करना चाहिए, तभी हमारा सनातन जीवन सार्थक और सफल माना जाएगा । सनातन सभ्यता अनुसार मनुष्य जीवन अनेक योनियों से गुजरता हुआ मोक्ष को प्राप्त करता है । मनुष्य के पाप पुण्य दोनों का प्रतिफल उसे किसी न किसी योनि के रूप में अवश्य प्राप्त होता है । क्योंकि शरीर नष्ट होता है आत्मा अजर अमर है, वह कभी नहीं मरती है, वह नवीन शरीर धारण कर लेती है । भागवत कथा में वर्णित भागवत ज्ञान प्राप्त करने से मनुष्य सारे पापों से मुक्त हो जाता है । हम श्रीमद् भागवत कथा के महापुराण को अपने जीवन के आचरणों में उतारने का प्रयास करें, सफल और सार्थक जीवन जीने का यही एक श्रेष्ठ मार्ग है।
उक्त उद्गार मंगल मूर्ति रेजिडेंसी कॉलोनी में स्वर्गीय श्री मुरारी लाल जी शर्मा नर्मदा देवी शर्मा एवं प्रकाश चंद्र जी शर्मा की स्मृति में दिं. 17 मई से 24 मई 2025 तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान उत्सव में प्रसिद्ध भागवताचार्य पं. योगेश्वर शास्त्री ने व्यक्त किये ।
आपने कहा कि भागवत ज्ञान की महिमा को समझना कठोर तपस्या के समान है । कथा में वर्णित प्रत्येक दृष्टांत मानव जीवन के मूल्यों को स्थापित करता है जो हमारे जीवन को श्रेष्ठ और सुखमय बनाने की प्रेरणा प्रदान करता है। मनुष्य जीवन में एक बार भागवत कथा का अवश्य श्रवण करना चाहिए ।
आपने कथा के आरंभ में मंगलाचरण करते हुए शिव महिमा, भक्ति आराधना एवं सनातन शास्त्रों का विस्तार से वर्णन किया । आपने कहा कि मनुष्य जीवन सौभाग्य का प्रतीक है । अनंत भक्ति और ईश्वर भक्ति का प्रतिफल है, इसे व्यर्थ न जाने दे । हमें श्रेष्ठतम कार्य करने के लिए ही यह मनुष्य जीवन मिला है इसे भक्ति भावना से व्यतीत करें । जीवन के यथार्थ का चिंतन भक्ति मार्ग से होकर के ही गुजरता है जो जीवन में शांति की अनुभूति करवाता है । निसंदेह आज का युग भक्ति का युग कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । लोगों का चिंतन और श्रद्धा, आराध्य  की ओर अग्रसर है उसे संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए स्वागत योग्य है।
कथा उपरांत आरती मैं माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति आशीष जोशी, पत्रकार विजय मीणा, जयेश राठौर, शिक्षक सांस्कृतिक मंच के गोपाल जोशी, लक्ष्मीनारायण धारवा, कृष्ण चंद्र ठाकुर, दयाशंकर पालीवाल, श्याम सुंदर भाटी सहित अनेक गणमान्यजन सम्मिलित हुए। अतिथि स्वागत कैलाश शर्मा, महेश शर्मा, विनोद शर्मा, राजेंद्र व्यास, दिनेश शर्मा, निखिलेश शर्मा, प्रिया शर्मा, मनीष शर्मा,संदीप शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, तुषार व्यास, गौरव शर्मा, दिव्यांश शर्मा आदि ने किया ।
आरंभ में कॉलोनी में स्थित गणेश मंदिर से सुबह पोथी मंगल यात्रा निकाली गई । जिसमें महिलाएं सर पर कलश धारण करते हुए मंगल गीत गाते हुए चल रही थी । श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य जजमान श्री कैलाश शर्मा, महेश शर्मा, दिनेश शर्मा, सुनील शर्मा, निखिलेश शर्मा, विनोद जी शर्मा, राजेंद्र व्यास, प्रियेश शर्मा, मनीष शर्मा, आशीष शर्मा, संदीप शर्मा, गौरव शर्मा, दिव्यांश शर्मा द्वारा पंडित योगेश्वर जी शास्त्री का स्वागत तथा पोथी का पूजन किया गया ।
मंगल कलश यात्रा में सर्वश्री डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला, निमिष व्यास, महेश व्यास, कमलेश पालीवाल, कृष्ण चंद्र ठाकुर, श्याम सुंदर भाटी, राजेश जोशी, ललित मोयल, दिलीप जैन, राधेश्याम तोगड़े, देवेंद्र मिश्रा, जगदीश सोनी, राधेश्याम हाडा, जेसी शर्मा, राजेश स्वर्णकर, आनंद शर्मा प्रशांत पांडे आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन दिलीप वर्मा तथा आभार प्रियेश शर्मा ने व्यक्त किया ।