अनिल जैन की वॉल से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस चीज से भारत में पिछले दस साल से बचते आ रहे हैं, उससे अपनी इस अमेरिका यात्रा के दौरान नहीं बच सके। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार अपने परम मित्र मोदी का मीडिया से सामना करा ही दिया। दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेन्स में मोदी कई सवालों का जवाब देेने में परेशान दिखे और कई सवालों पर ट्रंप के जवाबों ने उन्हें असहज किया।
मोदी को सबसे ज्यादा असहज उनके मित्र गौतम अदाणी से संबंधित सवाल ने किया। गौरतलब है कि अमेरिका में अदाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर मोदी का असहज होना स्वाभाविक था, क्योंकि वे ऐसे सवालों का सामना करने के आदी नहीं हैं… और फिर यह सवाल तो ‘आप आम कैसे खाते हैं’ या ‘आप थकते क्यों नहीं हैं’ जैसा भी नहीं था।
उनसे पूछा गया था कि क्या आपने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अदाणी के मामले में बात की है? अंग्रेजी में पूछे गए इस सवाल का मोदी ने हिंदी में जो जवाब दिया, उसका सवाल से कोई संबंध नजर नहीं आया। उन्होंने पहले तो बेचारगी और लड़खड़ाहट भरे लहेजे में कहा, ”भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की है। हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। हर भारतीय को मैं अपना मानता हूं।’’
चूंकि सवाल अदाणी से संबंधित था, इसलिए उस पर कुछ तो कहना ही था, सो उन्होंने बेहद विचित्र भाव-भंगिमा बनाते हुए कहा, ”ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं, न बात करते हैं।’’ ऐसा कहते हुए मोदी न तो अपनी झल्लाहट छुपा नहीं सके और न ही अदाणी से अपने व्यक्तिगत रिश्तों को। इस एक सवाल और उसके जवाब से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोदी भारत में प्रेस कांफ्रेन्स करने से क्यों बचते हैं!