प्रणव बजाज
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल मे 1800 करोड़ की एम.डी. ड्रग जप्त हुई ! कार्यवाही गुजरात पुलिस और NCB ने की !
मतलब साफ है भारत के गृहमंत्री अमित शाह की टीम भोपाल में काम कर रही थी शायद उन्हें मालूम था मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री देवड़ा नशे के कारोबारियों के बचाव में खड़े होंगे! बाद में भोपाल के किसी टी.आई. का बयान भी आया कि नशे के कारोबारियों को छोडने के लिए देवड़ा के फोन- काल आते रहे हैं। जिसका जिक्र उन्होंने रोजनामचे में भी किया था इसके बाद झाबुआ में केन्द्र की रेवेन्यू इंटलिजेंस (DRI) की टीम ने 180 करोड़ की ड्रग फ़ैक्टरी पकड़ी जिसके तार भोपाल से जुड़े हुए थे। इन सभी नशे के कारोबारियों के सिर पर देवड़ा का वरदहस्त था। सभी सरकारी एजेंसियां मंदसौर के लोग और मीडिया इस तथ्य पर सहमत है!
देवड़ा मध्यप्रदेश और भाजपा की राजनीति के लिए अभिशॉप हैं! पिछले 20 साल से मंत्री सुख भोगते हुए हर बड़े घोटाले में देवड़ा भागीदार रहे है! देवड़ा शिवराज के साथ परिवहन आरक्षक घोटाले में सहभागी रहे! देवड़ा की नाक के नीचे आबकारी का घोटाला हुआ जो दिल्ली के शराब घोटाले से बड़ा घोटाला था! देवड़ा ने वित्त मंत्री रहते हुए प्रदेश को कर्ज के दलदल में उतार दिया और भोपाल और झाबुआ मे एम.डी. ड्रग की फ़ैक्टरियों के अभियुक्तों के साथ भोजन करते, सिर पर हाथ रखे या गले में हाथ डाले देवड़ा की तस्वीरें बताती है कि वे मध्य प्रदेश को “उड़ता मध्य प्रदेश” बनाने के प्रमुख “अधिष्ठाता” या “मास्टर मॉइंड” हैं! केन्द्र और सरकारी एजेंसियाँ उन्हें मध्य प्रदेश का विक्रम सिंह मजीठिया (पंजाब के मंत्री जिन पर ड्रग्स कारोबार का आरोप है) बता रही हैं।
उपमुख्यमंत्री देवड़ा मंदसौर से आते है। देवड़ा शिवराज के नाक के बाल और रबर स्टाम्प रहे हैं! पहले कम्पोजिट शॉप करके प्रदेश भर में विदेशी मदिरा की 4000 दुकाने करके विदेशी मदिरा की खपत को चमत्कारिक रूप से बढ़ा कर और सरकार को 5000 करोड़ का चूना लगाने का काम अपने पिछले वित्त मंत्री काल में कर चुके हैं और इस वित्त और आबकारी मंत्री काल में वे ड्रग डीलरों के साथ गलबैया करते हम प्याला हम निवाला होते और सिर पर हाथ रखते पाए गए हैं! सारी जांच एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुँच रही हैं कि देवड़ा परिवार और उनके OSD दीपम रायचुरा का एम.डी ड्रग कांड के मुख्य अभियुक्त आंजना से करीबी रिश्ता हो सकता है! (दीपम की काल डीटेल की भी जाँच होना चाहिये) आंजना ड्रग के पैसे को देवड़ा के चुनाव मैनेजमेंट में खर्च करता था, देवड़ा के बेटे के साथ जमीनों के कारोबार में भागीदार था ऐसा सूत्र बताते हैं। (देवड़ा के बेटे की भी काल डीटेल की जाँच होना चाहिये ताकि पता लग सके की उनकी क्या भूमिका रही) और मंदसौर में भी पॉपीस्ट्रा से अफीम उत्पाद बनाने की फ़ैक्टरी डालने वाला था जो अंततः ड्रग्स बनाने में प्रयुक्त होते! देवड़ा इस बार आर पार के मूड में थे इसलिए आंजना को शराब के कारोबार में भी ठेके लेकर मनी लॉड्रिग के लिए भोपाल के सहायक आबकारी आयुक्त और देवड़ा के OSD दीपम रायचुरा के हवाले कर चुके थे ऐसा सूत्र कह रहे हैं।
देवड़ा भाजपा की राजनीति, चाल, चरित्र, चेहरा, शुचिता के नारे और खाऊँगा न खाने दूंगा के मूल मंत्र पर एक “बदनुमा दाग” है! उनके पास 10 समर्थक भी नहीं है परन्तु उपमुख्यमंत्री बनने के बाद देवड़ा कैम्प उनके मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रख रहा है। मध्य प्रदेश को उड़ता मध्यप्रदेश बनाने वाले देवड़ा हर तीन माह में 5000 करोड़ का कर्जा लेने का कटोरा भर घुमा रहे हैं ताकि सरकार दीवालियाँ हो जाए जबकि “लाडली बहना” जैसी नाकारा असफल योजना के वित्त मंत्री के रूप मे शिल्पकार देवड़ा ही थे!
देवड़ा की राजनीति का कुल उद्देश्य सत्ता के शीर्ष पर बने रहना है। उन्हें ड्रग जैसी बुराई को जो नस्ल को बर्बाद कर सकती है को भी प्रश्रय देने से कोई परहेज या डर नहीं है। शराब को पहले ही वे गाँव गाँव पहुँचा चुके है। आबकारी विभाग से धनोपार्जन के लिए एक कनिष्ठ अधिकारी दीपम रायचुरा को जिसके खिलाफ आयकर विभाग की शिवहरे समूह पर छापे से संबधित अप्रेजल रिपोर्ट में बैतूल जिले में दो करोड घूस लेने का आरोप सिद्ध होने, अधीनस्थ महिलाओं की अनेक शिकायतें प्रकाश में आने व आसवनी में नकली वेट कांड के मुख्य सूत्रधार होने आरोपो के वावजूद भोपाल के सहायक आयुक्त पद के साथ अपना OSD बनाने का कारनामा वे निर्लज्जता से कर चुके है! देवड़ा जैसी कुत्सित एंव भृष्ट मानसिकता का व्यक्ति भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टी में सत्ता शीर्ष पर है यह मध्यप्रदेश का दुर्भाग्य है !
मध्यप्रदेश के उड़ता मध्यप्रदेश बनने के बाद भाजपा को सोचना पड़ेगा कि उसके देवड़ा जैसे नेता और मंत्री कहीं समाज को बेचने या खोखला करने या नशे के कारोबारियों को संरक्षण देने के काम में तो संलग्न नहीं है? भाजपा और आलाशाहकमान को यह भी सोचना पड़ेगा कि कहीं हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ती पार्टी देवड़ा जैसे ड्रग माफिया को संरक्षण देने वाले नेताओ के कारण रसातल में तो नहीं चली जाएगी! यदि देवड़ा को उपमुख्यमंत्री पद व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त नहीं किया गया तो भाजपा का सदस्यता अभियान ही लॉछित हो जाएगा क्योंकि आम लोगों के मन में शंका है कि देवड़ा जैसे भाजपाई उनकी नस्ल को बरबाद कर सकते है!
भोपाल के ड्रग फैक्टरी कांड के परिणाम दूरगामी होंगे और क्या मुख्य आरोपियो का संरक्षक और सहभागी मध्य प्रदेश का उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और आबकारी मंत्री बना रहेगा इस प्रश्न का उत्तर ही भाजपा का भी भविष्य निर्धारित करेगा !