आश्चर्य!! (सम्राट अशोक) की जन्म जयंती भारतवर्ष में क्यों नहीं मनाई जाती??

सम्राट अशोक” की जन्म-जयंती हमारे देश में क्यों नहीं मनाई जाती……
संकलन-: धर्मेंद्र श्रीवास्तव,
साभार -: सोशल मीडिया,

बहुत सोचने पर भी, “उत्तर” नहीं मिलता!
आप भी इन “प्रश्नों” पर विचार करें!🤔🤔🤔

सम्राट अशोक महान,
पिताजी का नाम – बिन्दुसार गुप्त
माताजी का नाम – सुभद्राणी

जिस “सम्राट” के नाम के साथ संसारभर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं ,

जिस -“सम्राट” का राज चिन्ह “अशोक चक्र” भारतीय अपने ध्वज में लगाते है,

जिस “सम्राट” का राज चिन्ह “चारमुखी शेर” को भारतीय “राष्ट्रीय प्रतीक” मानकर सरकार चलाते हैं l और “सत्यमेव जयते” को अपनाया है l

जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान,
सम्राट अशोक के नाम पर, “अशोक चक्र” दिया जाता है,

जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ”…जिसने “अखंड भारत” (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो,

सम्राट अशोक के ही, समय में
“२३ विश्वविद्यालयों” की स्थापना की गई l जिसमें तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे l इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे।

जिस -“सम्राट” के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार,
भारतीय इतिहास का सबसे( “स्वर्णिम काल” मानते हैं)

जिस “सम्राट” के शासन काल में भारत “विश्व गुरु” था,
सोने की चिड़िया” था,
जनता खुशहाल और भेदभाव-रहित थी,

जिस सम्राट के शासन काल में,

सबसे प्रख्यात महामार्ग “ग्रेड ट्रंक रोड” जैसे कई हाईवे बने,
२,००० किलोमीटर लंबी पूरी “सडक” पर दोनों ओर पेड़ लगाये गए,
“सरायें” बनायीं गईं..
मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार “चिकित्सा घर” (हॉस्पिटल) खोले गए,
पशुओं को मारना बंद करा दिया गया,

ऐसे …..
“महान सम्राट अशोक”
जिनकी जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती ??
न ही कोई छुट्टी घोषित की गई है?

दुख: है कि, जिन नागरिकों को ये जयंती मनानी चाहिए…
वो अपना इतिहास ही भुला बैठे हैं,
और जो जानते हैं, वो ना जाने क्यों मनाना नहीं चाहते??

(“जो जीता वही चंद्रगुप्त”* ना होकर, *”जो जीता वही सिकन्दर”* कैसे हो गया??)

जबकि ये बात सभी जानते हैं, कि सिकन्दर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते हुए ही लड़ने से मना कर दिया था,
बहुत ही बुरी तरह से मनोबल टूट गया था,
और सिकंदर को “वापस लौटना” पड़ा था,

आइए हम सब मिलकर,
इस “ऐतिहासिक भूल” को सुधार करने की शपथ ले,
भारत सरकार से आवाहन करें.. . . . .
के सम्राट अशोक की जन्म जयंती संपूर्ण भारत में विशाल एवं भव्य पैमाने पर मनाई जाए!