दंडवत प्रणाम से अंदर का अभिमान मिटता हैं- वागधीश बाबाश्री

दंडवत प्रणाम से अंदर का अभिमान मिटता हैं- वागधीश बाबाश्री

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-

इंदौर । तीर्थक्षेत्र में अपना नाम, अपना महत्त्व, अपना पैसा, अपना खानदान, स्वामित्व की भावना सब कुछ भुला दो। तीर्थयात्री के रहने का प्रबन्ध करो और श्रेय प्रभु अर्पण कर दो। स्वामित्व विसर्जन-यानी यह तेरे लिये है जरूर पर है तो मेरा-इसे भूल जाओ। कहो यह तेरा ही है। तेरे लिये ही है। आप ज़ब भी तीर्थ क्षेत्र में जाए वहाँ परमात्मा को साष्टाग प्रणाम करें। इससे आपके अंदर का अभिमान दूर होता है। यह बात मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ हवेली प्रांगण में जारी पुरुषोत्तम माह महामहोत्सव के प्रथम चरण में ब्रज मंडल गुणगान के तहत ब्रज में स्थित गिरिराज पर्वत तीर्थ की महिमा बताते हुए गोस्वामी वागधीश जी महाराज ने गुरुवार को कही। आपने ब्रज मंडल के तिर्थों और उनके महत्व को बताते हुए कहा की आज वाणी की क्रूरता, शरीर की क्रूरता बढ़। रही हैं। चतुर चतुराई में मारा जा रहा है। भक्ति और ज्ञान में तो हम बढ़ रहे हैं लेकिन गुरु की अवहेलना करें तो हमारा तीर्थ में जाना भी व्यर्थ हैं। भगवान और गुरु सम्मुख ज़ब भी जाएं तो साष्टांग दंडवत प्रणाम करना चाहिए ताकि आपके अंदर का अभिमान मिट जाए। आपने कहा की गुरु कृपा के बगैर तीर्थ में जाने का सौभाग्य नहीं मिलता। हमारी मनोगति कहीं ना कहीं सदुपयोग हो जिसका हमारे लिए जन्मदिन हुआ है। आपने गिरिराज पूजन व नियम भी श्रोताओं को बताए।

जिसमें गोस्वामी श्री वागधीश जी बाबाश्री द्वारा ब्रज मंडल गुणगान का महत्व एवं प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। गुरुवार को आयोजित प्रवचन में धर्मेन्द्र नीमा, श्याम महाजन, गौरव महाजन, अनिल भंडारी, जानकीलाल नीमा, मनोहर महाजन, मनोज नागर सुरेश ठाकुर सहित हजारों की संख्या में भक्त व श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संजय नागर ने किया।

श्री पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति से जुड़े मनोज नागर ने बताया कि द्वितीय चरण में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक दोपहर 3.30 से, शाम 7.30 बजे तक गोस्वामी श्री दिव्येश कुमार जी महाराज श्री नंदकुमाराष्टकम महोत्सव तथा तृतीय चरण में 6 से 12 तक दोपहर 3.30 से शाम 7.30 बजे तक श्रीमद भागवत कथा महोत्सव में गोस्वामी श्री ब्रजोत्सव जी बाबाश्री कथा का वाचन करेंगे।