समूह जल प्रदाय योजना महति योजना…….

धर्मेंद्र श्रीवास्तव…..
मध्य प्रदेश दर्शन न्यूज़ पोर्टल………
“भारत सरकार”
जल जीवन मिशन…..
जल निगम…..
राजोद समूह जल प्रदाय योजना……..
करेगी लगभग 80 ग्रामों के ग्रामीणों के गलों को तर…………
मिलेगा जन-जन को शुद्ध पेयजल…….
सरदारपुर एवं बदनावर ब्लॉक के ग्रामों को केंद्र में रखकर,

बनी यह योजना बनेगी शुद्ध पेयजल के अनवरत घर घर पहुंचने का माध्यम, पानी जीवन का है, मुख्य अंग, और वह शुद्ध हो तो है,

अमृत समान, सरकार ने ठानी है,

घर-घर नलों के माध्यम से अमृत पहुंचाने की,

पहुंचेगा शुद्ध जल अब ग्रामीणों के घर-घर नलों से,

करोड़ों करोड़ की लागत से बनी यह योजना वर्तमान समय का…. 

“भागीरथी” प्रयास है, लगभग छह दशकों से संपूर्ण भारत वर्ष के समस्त प्रदेशों के सुदूर ग्रामीण अंचलों में वर्ष के 8 महीने ग्रामीण जन पानी को लेकर चिंतित, संघर्षशील एवं प्रयत्नशील, होकर अपनी जान को जोखिम में डालकर पानी की जुगाड़ करते आ रहे हैं,

वही इस बात की गारंटी नहीं कि, वह पानी शुद्ध हो,

शोध बताते हैं, कि शरीर में 80% बीमारियों का कारण अशुद्ध पेय जल होता है,

जिसमें सबसे ज्यादा प्रदूषित पानी वर्ष के 4 महीने वर्षा काल में होता है, इस दौरान सुदूर ठेठ ग्रामीण आंचलिक बस्तियों का हाल मजबूरी वस अशुद्ध पानी पीने को मजबूर होता है,

भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से वर्ष के इन कठिन वर्षा काल के महीनों में देशभर के ग्रामों में डायरिया, हैजा, पीलिया एवं अन्य असंख्य जल जनित बीमारियां अपने प्रकोप को तीव्र गति से फैलाकर ग्रामीण महिला पुरुष एवं बच्चों को मृत्यु का ग्रास बनाती रही है,

जब “2024”

को देश भर में समस्त गांव में यह योजना आकार ले लेगी,

तब ग्रामीण महिला पुरुष एवं बच्चों को अपने जीवन में पानी को लेकर किए गए संघर्ष से आराम मिलेगा,

शोध बताते हैं, कि ग्रामीण परिवेश की 80% महिलाएं अपने जीवनकाल का 40% समय केवल और केवल पानी की जुगत करने में ही समाप्त कर देती है,

किशोरी बालिकाए अपने शैक्षणिक जीवन को विराम लगा कर गर्मी के दिनों में सुदूर 3 से 4 किलोमीटर की यात्राएं करके पानी की जुगाड़ करती है,

पानी जो पशुओं के लिए आवश्यक है, मनुष्य के लिए आवश्यक है,

कुल मिलाकर आप हम सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है,

वही शहरी एवं नगरीय क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को केवल और केवल अपने लिए पानी की जुगाड़ करनी होती है,

किंतु ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को अपने साथ साथ परिवार के साथ साथ पशुओं के लिए भी कई अधिक पानी की जुगाड़ करनी होती है,

भारत सरकार के इस साहसिक निर्णय से भारत के समूचे ग्रामीणों को बहुत जल्दी इस कठिन समस्या से निजात मिलने वाली है,

वर्तमान परिवेश में जहां-जहां योजना कार्यरत है,

और जहां योजना के माध्यम से घरों तक जल पहुंच रहा है,

वहां ग्रामों की चौपाले, चौराहे, नुक्कड़, मुस्कुराहट से भरे हुए है,

यहां की किशोरी बालिकाए प्रसन्न है,

और नलो से बहते हुए अनवरत जल की तरह अपनी शैक्षणिकता में भी निरंतरता बनाए हुए है, ग्रामीण महिलाएं अब सुकून से कुछ घड़ी आराम कर रही है, और अपने जीवन को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ लंबी आयु प्राप्त करने के जीवंत स्वप्न गढ़ रही है, वही इस महत्वपूर्ण योजना को सफल बनाने हेतु स्वशासी संगठन सामाजिक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं,

इस योजना में शासन और विभाग के साथ जुड़कर, 

“आईएसए”…….. 

के माध्यम से स्वशासी संगठन शासन की मंशा को पूर्ण करने के लिए इस योजना को सफल बनाने के लिए भरसक सहयोग और प्रयास करके सुदूर ग्रामीणों को समय-समय पर प्रशिक्षित करके इस योजना के साथ जुड़ कर इसको अपनी योजना समझ कर अपने स्तर पर नित नवांकुर प्रस्फुटित कर स्वच्छता से मितव्ययिता से जल संरक्षण के कार्य को करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं…….

जल जीवन से होंगे,

नित नए स्वप्न साकार,  जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति के माध्यम से योजना को सफल बनाने का संकल्प लेते ग्रामीण जन  योजना के आरंभ होने से पहले सुदूर क्षेत्र से जल का जुगाड़ करती महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं,