विद्यासागर महाराज का 50 वां पदारोहण समारोह मनाया

छाया उत्साह: विद्यासागर महाराज का 50 वां पदारोहण समारोह मनाया
पश्चिम क्षेत्र में गूंजे नेमीकुमार के जयकारे, विभिन्न मंचों से हुआ स्वागत, समग्र दिगंबर जैन समाज हुआ शामिल
तीन दिवसीय पदारोहण समारोह का मुख्य महोत्सव के तहत दूसरे दिन निकली बारात, घोड़े-बग्घी, बैंड़-बाजे सहित भगवान कृष्ण की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
इंदौर 6 अगस्त। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर द्वारा आचार्य विद्यासागर महाराज का 50 वां पदारोहरण समारोह के दुसरे दिन शनिवार को भगवान नेमीकुमार की भव्य बारात निकाली गई। नेमीकुमार की बारात में जहां एक ओर दिगंबर जैन समाज बंधु बाराती के रूप में शामिल हुए तो वहीं नेमीकुमार बग्घी में सवार थे। भगवान नेमीकुमार की बारात एरोड्रम थाने से प्रारंभ होकर मुख्य मार्ग होते हुए दलालबाग पहुंची जहां इस बारात का समापन हुआ। वहीं इसके पूर्व सुबह दलालबाग में आर्यिका पूर्णमति माता ने अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा की एवं आचार्य छत्तीसी विधान पूजा संपन्न कराई।
अन्य देशों के मुकाबले आध्यात्मिकता ही भारत की प्रबल शक्ति- दुनिया के अन्य देशों की अगर विशेषताएं हैं तो भारत देश भी किसी से कम नहीं है। जो शक्ति या विशेषता भारत के पास है वह अन्य किसी भी देश के पास नहीं है और वह है आध्यात्मिकता व ऋषि व कृषि। और यही पहचान या शक्ति उसे अन्य देशों से श्रेष्ठ बनाए हुए है। परमात्मा के हम पर इतने ऋण हैं कि हम उनके ब्याज का भी किंचित मात्र चुका नहीं सकते। उक्त विचार दलालबाग में आयोजित चातुर्मास के दौरान संत शिरोमणी आचार्य श्री विद्या सागर महामुनि राज की परम् शिष्या परम पूज्य 105 स्वर कोकिला आर्यिका पूर्णमति माताजी ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को सबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्य विद्यासागर महाराज के 50 वे पदारोहण समारोह के अवसर पर नेमिनाथ की बारात के पूर्व उनके विवाह के पूर्व के प्रसंग को एक लघु नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने प्रस्तुत किया।
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर एवं चातुर्मास संयोजक विपुल बांझल, सचिन सुपारी ने बताया कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के 50वें पदारोहण महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को दोपहर में नेमीकुमार की बारात एरोड्रम थाने से प्रारंभ हुई। बारिश की तेजी भी बारातियों के उत्साह को प्रभावित नहीं कर पाई। बारात में बग्गियों के अलावा घोड़े भी शामिल थे। चांदी के रथ में सवार नेमीकुमार का एरोड्रम रोड पर जगह जगह स्वागत मंचों से स्वागत किया गया। बारात मुख्य मार्ग से दो किलोमीटर का सफर तय करीब 5 घंटे में दलाल बाग पहुंची। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नेमीकुमार की बारात में नेमी कुमार बनने का सौभाग्य नवनीत कुमार, नवीन कुमार, नीतिन कुमार के सुपुत्र आदित्य जैन मातोश्री परिवार को प्राप्त हुआ था एवं बलदेव बनने का सौभाग्य प्रकाशचंद्र, प्रदीप कुमार, संदीप कुमार, मनीष कुमार जैन के पुत्र देवेश जैन (जैन स्टील) परिवार को प्राप्त हुआ था।
विधान पूजन भी हुआ- श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर एवं चातुर्मास संयोजक विपुल बांझल, सचिन सुपारी ने बताया कि शनिवार को सुबह के सत्र में आर्यिका पूर्णमति माताजी के प्रवचनों के पश्चात दलालबाग में समग्र समाज बंधुओं ने प्रात: अभिषेक, शांतिधारा, आचार्य छत्तीसी विधान आर्यिका पूर्णमति माताजी के सान्निध्य में संपन्न हुआ।