इंदौर. श्रीशारदापीठम् शृंगेरी के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री विदुशेखर भारती , सन्निधानम का दो दिवसीय 30 वां जन्मोत्सव (वर्धन्ती महोत्सव) विद्वानों व भक्तों की उपस्तिथि में संपन्न हुआ। *शंकराचार्य भक्त मंडल एवं भारद्वाज ज्योतिष एवं आध्यात्मिक शोध संस्थान* के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित *वर्धन्ति महोत्सव* का शुभारम्भ चारों वेदों के मंगल मन्त्र घोष से हुआ।
प्रारंभ में श्रृंगेरी शंकराचार्य भक्त मंडल के प्रादेशिक अध्यक्ष आचार्य पं रामचंद्र शर्मा “वैदिक” के सान्निध्य में 21 वैदिक विद्वानों द्वारा महारुद्राभिषेक के साथ जगद्गुरुजी के चित्र का 30 घृत दीपकों के साथ विधि विधान से विद्वान आचार्यो की सन्निधि में षोडषोपचार पूजन कर किया गया। जगदगुरुजी के दीर्घायुष्य की मंगल कामना के लिए मार्कंडेय सहित सप्त-चिरंजीवो का पूजन, शुक्ल यजुर्वेद पारायण, दीर्घायुष्य एवं पवमान सूक्त का सस्वर पाठ व नवचंडी महायज्ञ भी हुआ। आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि श्रृंगेरी *शंकराचार्य की अविच्छिन्न आचार्य परंपरा एवं श्रृंगेरी देश का सर्वोच्च शंकर पीठ* विषय पर विद्वानों की संगोष्ठी हुई। पण्डित नन्दकिशोर शास्त्री ने विद्वत संगोष्ठी में कहा कि शृंगेरी शारदा पीठ में आज भी आचार्य पंरपरा विद्यमान है।शारदा पीठम श्रीनगर के 36 वें वर्तमान आचार्य जगदगुरीजी श्री भारती तीर्थ महास्वामी जी ने अपने सुयोग्य उत्तराधिकारी के रूप में श्री विदुशेखर भारती जी को शृंगेरी शारदा पीठ का जगद्गुरु नियुक्त कर सनातन धर्म व शंकर परम्परा को जीवित रखा है। अतः देश के सर्वोच्च शंकर पीठ में आज भी आचार्य परम्परा अविच्छिन्न रूप से चली विद्यमान है। इस मौके पर आचार्य राजेश शास्त्री , पं. कैलाश शास्त्री, मोहित शर्मा, पं. राकेश ठक्कर पं. ब्रजेश शास्त्री व डॉ. अनिलराज शर्मा सहित गणमान्य विद्वान मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सीए पं. सोमेंद्र शर्मा शास्त्री ने किया। आभार भक्त मंडल के प्रचार प्रमुख पण्डित
राकेश ठक्कर ने माना। इस मौके पर बड़ी संख्या में शृंगेरी शंकराचार्य भक्त मौजूद थे।