नई शिक्षा नीति से देश के साथ दुनिया भी बदलेगी-  मा.धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री मा. धर्मेंद्र प्रधान का “ सक्षम वैभवशाली भारत निर्माण में नई शिक्षा नीति“  विषय पर  व्याख्यान संपन्न

इंदौर /भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष श्री गौरव रणदिवे ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री  मा. धर्मेंद्र प्रधान ने श्री कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी आयोजन समिति के द्वारा आयोजित वैचारिक प्रबोधन कार्यक्रम में “ सक्षम वैभवशाली भारत निर्माण में नई शिक्षा नीति“ विषय पर शहर के प्रबुद्धजनों को संबोधित किया कार्यक्रम के प्रारंभ में माननीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन एवं आयोजन समिति के प्रदेश सचिव श्री हेमंत खंडेलवाल ने दीप प्रज्वलित किया उसके पश्चात मंत्री श्री मोहन यादव सांसद श्री शंकर लालवानी एवं श्री गौरव रणदिवे ने अतिथियों का स्वागत किया।
वैचारिक प्रबोधन को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जिन श्रद्धेय श्री कुशाभाऊ ठाकरे जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उन्होंने अपने खून पसीने से गांव-गांव तक जाकर भाजपा के संगठन को खड़ा किया है उन्होंने आगे कहा कि श्री कुशाभाऊ ठाकरे ने संगठन को सुशासन एवं लोक कल्याण के लिए समर्पित किया उसके लिए हम उनके आभारी हैं वह मानव शिल्पी थे और उन्होंने कहा था कि हम शासन नहीं सेवा करते हैं इसलिए यदि हम देश एवं संगठन के उत्थान के लिए कार्य करें तो यही श्री कुशाभाऊ ठाकरे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी ,शिक्षा नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम भारतीय दृष्टि और वैज्ञानिक दृष्टि दोनों से अगर देखें तो पता चलता है कि भारतीय संस्कृति कई वर्षों पुरानी है अगर  कर नीति की बात हो तो टोडरमल जी का नाम याद आता है या भवन निर्माण की बात करें तो जब हमारे देश में आई आई टी आई आई एम नहीं थे तब भी कई बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण हजारों वर्ष पूर्व हमारे देश में हो चुका है ,लेकिन  300 -350 वर्ष पुराने देश और सभ्यता आज सबसे धनी और विकसित देशों की संख्या में आते हैं क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी हमारे गौरवशाली इतिहास से अभी भी अवगत नहीं है, इसलिए जो सभ्यता सुशिक्षित सुसंस्कृत होगी वह इतनी बड़ी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा पाएगी इसलिए शिक्षा नीति में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं ।
पहला हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को महत्व देना जिस भाषा को बच्चा सुनकर व समझ कर बड़ा होता है उन्हीं भाषा में वह आगे की पढ़ाई आसानी से कर सके इसलिए उन भाषाओं को शिक्षा नीति में जोड़ा गया है वे सभी हमारी राष्ट्रभाषा है चाहे हिंदी हो तमिल ,तेलुगू, कन्नड़ या गुजराती तथा अन्य, दूसरा हमारी शिक्षा नीति में भारतीयता लाना गुलामी वाली सोच को बदल कर छात्रों को जॉब सीकर ना बनाकर जॉब क्रिएटर बनाना इसके अलावा तीसरा यह कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को ट्रेनिंग देना जिससे कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद उसका ज्यादा समय व्यर्थ ना हो और वह अपने भविष्य और देश के के लिए काम कर सके इसके साथ ही अब छात्र दो डिग्री की पढ़ाई एक साथ भी कर सकते है मुझे आशा है इन सभी मुख्य परिवर्तनों के कारण नई शिक्षा नीति से छात्र देश के साथ दुनिया को बदलने की ताकत रखेंगे ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व लोकसभा स्पीकर एवं आयोजन समिति की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन जी ने श्री कुशाभाऊ ठाकरे जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने और उनकी दी गई शिक्षा एवं नीति को आत्मसात करने को कहा,
कार्यक्रम को आयोजन समिति के संभाग प्रभारी श्री गोपी कृष्ण नेमा ने भी संबोधित किया और कहा कि स्वदेशी कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह समिति ने प्रदेश, संभाग से लेकर जिले तक समिति बनाई है एवं आने वाले समय में कई बड़े आयोजन किए जाएंगे जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि सम्मिलित होंगे।

मीडिया प्रभारी रितेश तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, वरिष्ठ नेता बाबू सिंह रघुवंशी, कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव, तुलसी सिलावट, ई.वि.प्रा.अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, प्रदेशमहामंत्री एवं संभाग प्रभारी भगवान दास सबनानी, विधायक रमेश मेंदोला,मालिनी गौड़,आशिष शर्मा,गोपीकृष्ण नेमा,मधु वर्मा सहित प्रबुधजन उपस्थित थे।