इंदौर जैसी आत्मीयता, साफ-सफाई और स्वाद की परख कहीं और नहीं मिलती

जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य को भक्तों ने दी आत्मीय बिदाई

 इंदौर, । देश-दुनिया में घूमते हुए अनेक शहरों में जाने का अवसर मिला लेकिन इंदौर जैसी आत्मीयता, साफ-सफाई, स्वाद की परख और मौसम की मिसाल कहीं और देखने को नहीं मिलती। अब तो इंदौर इतना चकाचक और साफ-सुथरा हो गया है कि हर कोई यहीं आकर बसने के लिए लालायित हो सकता है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि सफाई के मामले में इंदौर के खाते में अब सिक्सर भी लगेगा और यहां के लोग धर्म परायण होकर शांतिप्रिय बने रहेंगे।

       जगदगुरु रामानंदाचार्य, श्रीमठ काशी पीठाधीश्वर स्वामी रामनरेशाचार्य महाराज ने अपनी विदाई की बेला में आज गीता भवन में उक्त आत्मीय बातें कहीं। कार्यक्रम के समापन अवसर पर इंदौर के भक्तों की ओर से विधायक आकाश विजयवर्गीय के साथ समाजसेवी विष्णु बिंदल, कार्यक्रम संयोजक संजय मंगल, गीता भवन ट्रस्ट के संरक्षक ट्रस्टी गोपासदास मित्तल, अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी, प्रेमचंद गोयल, टीकमचंद गर्ग, दिनेश मित्तल, राजेश गर्ग केटी, बालकृष्ण छाबछरिया,  सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जगदगुरु को बिदाई दी। अपने सम्मान से अभिभूत स्वामी रामनरेशाचार्य ने कहा कि इंदौर का नाम दिनोंदिन नई ऊंचाइयां अर्जित कर रहा है। इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के अधिकारी भी बधाई के हकदार हैं। मैं जब भी यहां आता हू, यहां के भक्त मेरा दिल जीत लेते हैं। यही कारण है कि मैं हर वर्ष यहां आकर अपने आराध्य प्रभु राम एवं हनुमानजी के महोत्सव को निरंतर जारी रखना चाहता हूं। संतश्री आज उज्जैन होते हुए राजस्थान की यात्रा पर प्रस्थित हुए।