आओ मेरी सखियों मुझे… जैसे भजनों पर खूब झूमे भक्त

कुशवाह नगर में सम्पन्न हुआ कृष्ण-रुकमणी विवाह
आज सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष के प्रसंग के साथ सात दिनी कथा का समापन
इन्दौर । कुशवाह नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिन कृष्ण-रुकमणी विवाह सम्पन्न हुआ। धूमधाम के साथ भगवान कृष्ण की बारात जैसे ही पांडाल में आई, वैसे ही भक्त नाचने-गाने लगे। आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगादो…. जैसे भक्तिमय भजनों पर भक्त खूब झूमे। भगवान ने रुकमणी का हरण किया और फिर विवाह सम्पन्न हुआ। कथा वाचक उज्जैन के चारधाम मंदिर के श्री 1008 महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद गिरीज महाराज ने इससे पहले उधव प्रसंग और कंस वध के प्रसंग सुनाए।
संस्था सहयोग के अध्यक्ष आकाश पटेल, संयोजक अजय कुशवाह और सहसंयोजक विजय दुबे ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिन खचाखच भरे पांडाल में भक्तों ने भगवान कृष्ण और रुकमणी विवाह का प्रसंग सुना व देखा। मंच पर जैसे ही भगवान कृष्ण-रुकमणी दुल्हा-दूल्हन के रूप में पहुंचे वैसे ही भजन-कीर्तन के गीत बजने लगे। विधि-विधान के साथ पंडितों ने भगवान का विवाह सम्पन्न करवाया और सभी ने भगवान से आशीर्वाद लिया। छटवें दिन के कथा प्रसंग में उधव और कंस वध का वर्णन भी महाराज श्री ने किया।
मुख्य रूप से कांग्रेस नेता कमलेश खण्डेलवाल, पूर्व पार्षद मांगीलाल रेडवाल, चंदनसिंह बैस, विनय कुशवाह, राजा कुशवाह सहित क्षेत्र के कई वरिष्ठ नागरिक और गणमान्य लोग उपस्थित रहे। महाआरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया।
कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष के साथ पूर्णाहुति के कार्यक्रम सम्पन्न होगे, तत्पश्चात् महाआरती होगी और शाम को विशाल भण्डारा आयोजित किया जाएगा।