मर्ज का मास्टर डॉक्टर, आत्मा का मास्टर गुरु- उमाकान्त महाराज

 

इंदौर । हमारे जीवन जाल को सफेद चूहा यानी दिन और काला चूहा यानी रात्रि काट रहे हैं। इन सफेद व काले चूहों से जीवन की रक्षा के लिए सद्गुरु का जीवन में होना जरूरी है। जिस प्रकार मर्ज का मास्टर डॉक्टर होता है ठीक उसी प्रकार आत्मा का मास्टर गुरु होता है। संत या गुरु आदि और अंत को जानते हैं और आदि और अंत का भेद केवल सदगुरु ही बताते हैं। धर्म कर्म और अध्यात्म आपस में जुड़े हुए हैं। जब धर्म की क्षति होती है तो कर्म बिगड़ जाते हैं। उक्त विचार बाबा जयगरूदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत उमाकान्त महाराज मंगलवार को धार रोड नावदा पंथ स्थित उमाकान्त महाराज के आश्रम पर आयोजित दो दिनी सत्संग एवं नामदान समागम के अवसर कही। उन्होंने सभी गुरु भक्तो को शाकाहार अपनाने को लेकर जोर देते हुए कहा कि आपने कहा कि संसार में इंसान बंद मुठ्ठी लेकर जन्म लेता है। उस समय उसकी मुठ्ठी में ईश्वर ने कई सिद्धियां होती हैं लेकिन संसार में उनका सही उपयोग नहीं कर पाता है और अंत में खाली हाथ चला जाता है।
आपने कहा कि जिस प्रकार मेहनत करने से शरीर मजबूत होता है उसी प्रकार सत्संग व भक्ति का मार्ग अपनाने से आत्मा मजबूत होती है।
मानव जीवन बहुत ही दुर्लभ होता है । इसे पाने के लिए स्वयं ईश्वर भी तरसते है। इसलिए मानव जीवन को आत्मा के कल्याण के लिए सत्संग व भक्ति में लगाना जरूरी है। कर्मो के बंधन से सतगुरु अथवा समरथ गुरु ही छुटकारा दिला सकते हैं।
दो दिनी समागम के शुभारंभ अवसर पर ही आश्रम का स्थान छोटा पड़ गया। हजारों की संख्या में आये अनुयायी संत उमाकान्त महाराज के दर्शनों के लिए आतुर दिखे। समागम स्थल पर इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम से आई संगत ने भी प्रवचनों लाभ लिया। समागम 50 हजार गुरु भक्त शामिल हुए ओर सभी को नामदान भी दिया गया। बाबा जयगुरुदेव संगत अध्यक्ष महेश लिखार, रामबाबू शर्मा एवं डॉ आनंद यादव ने बताया की नावदा पंथ में ३० एकड़ क्षेत्रफल में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रवचन स्थल पर एलईडी के माध्यम से भी बाहार बैठे अनुयायियों ने प्रवचनों का लाभ लिया। समागम में १००० से अधिक सेवादारों ने अपनी सेवाऐं भी दी। समागम में इन्दौर सहित मध्यप्रदेश, जयपुर, अमरावती, लखनऊ, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के साथ-साथ थाईलैंड व अमेरिका में बसे संत उमाकान्त महाराज के अनुयायी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

देश के प्रधानमंत्री ओर राष्ट्रपति से अपील-
संत उमाकांत महाराज ने रुस ओर यूक्रेन दोनो देशों में जारी युद्ध को विराम लगाने की अपील की है। उन्होंने भारत सहित सभी देशों के प्रधानमंत्री ओर राष्ट्रपति से आग्रह किया कि दो देशों में हो रहे युद्ध से सभी देश के राष्ट्राध्यक्ष संधि कराए ओर इस युद्ध पर विराम लगाए।

हजारों गुरु भक्तो को दिया नामदान- बाबा जयगुरुदेव संगत अध्यक्ष महेश लिखार, रामबाबू शर्मा एवं डॉ आनंद राय ने बताया कि दो दिनी समागम के पहले दिन संत उमाकान्त महाराज ने हजारों अनुयायियों को गुरु मंत्र दिया साथ ही समागम में आये युवाओ, युवतियो ओर बच्चो को मांस, मछली, अंडा जैसे बुरे व्यसनों का सेवन नहीं करने का संकल्प भी दिलाया।

एक झलक पाने को आतुर दिखे भक्त- नावदा पंथ में आयोजित इस समागम में गुरु भक्तो की भीड़ देखते ही बन रही थी। ३० एकड़ क्षेत्र में फैले आश्रम में शाम को आयोजित हुए प्रवचन स्थल पर पांव रखने की भी जगह नही थी… सत्संग स्थल पर इतना हुजूम था कि गुरु भक्तो एलईडी के माध्यम से ही संत के दर्शन किये।

हजारों भक्तों ने ग्रहण की महाप्रसादी- नावदा पंथ में हुए इस समागम के पश्चात चार संगतों क भंडारों की टीम ने भोजन तैयार किया था। जिसमें हजारों भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की। इन्दौर संगत की टीम के साथ-साथ देवास, उज्जैन, रतलाम संगत की टीमों ने भोजन की व्यवस्था संभाली।

आईटी पार्क सिंहासा में रखा पार्किंग स्टैंड- समागम की भव्यता को देखते हुए संत उमाकान्त महाराज आश्रम के पास ही स्थित आईटी पार्क सिंहासा में फोर व्हीलर और टू व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। जहां ५०० से अधिक सेवादारों ने अपनी सेवाऐं दी।

आज होगा समापन- बाबा जयगुरुदेव संगत अध्यक्ष महेश लिखार ने बताया कि धार रोड़ नावदा पंथ स्थित संत उमाकान्त महाराज के आश्रम पर दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन ३० मार्च को होगा। बाबा जयगुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम् संत उमाकान्त महाराज सुबह ७ बजे अनुयायियों को प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।