प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में पहले दिन डेढ़ सौ मरीजों का हुआ उपचार

 

इंदौर, । श्री अग्रसेन महासभा की मेजबानी में आज से बायपास स्थित महासभा के मांगलिक भवन पर सात दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ हुआ। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक के मुख्य आतिथ्य में विधायक महेन्द्र हार्डिया ने दीप प्रज्ज्वलन कर उदयपुर के कंचन प्राकृतिक चिकित्सा सेवा केन्द्र के डॉ. छैलबिहारी शर्मा एवं डॉ. रामअवतार शुक्ला के साथ किया। समाजसेवी विनोद अग्रवाल एवं प्रेमचंद गोयल विशेष अतिथि थे। पहले दिन ही शिविर में करीब डेढ़ सौ मरीजों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार कराया और कुछ ही घंटों में स्वयं को उन बीमारियों से मुक्त होने की स्वीकारोक्ति भी की।

महासभा के अध्यक्ष राजेश बंसल एवं शिविर संयोजक मोहनलाल बंसल ने बताया कि उदयपुर के इस प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र से करीब 15 सदस्यीय टीम इंदौर आई हुई है। आज सुबह एक गरिमापूर्ण समारोह में डॉ. वैदिक एवं विधायक हार्डिया ने इस शिविर का महाराजा अग्रसेन के चित्र पूजन एवं दीप प्रज्ज्वल के साथ शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत विनोद सिंघानिया, रमेशचंद्र गोयल, जगदीश बाबाश्री, अरुण आष्टावाले, सुरेश अग्रवाल, अभय मित्तल, राजेश जिंदल आदि ने किया। डॉ. छैलबिहारी शर्मा ने इस अवसर पर डॉ. वैदिक सहित अनेक समाज बंधुओं एवं अन्य मरीजों के पेट पर जड़ीबूटी मिश्रित उदयपुर से लाई गई मिट्टी का लेपन किया और बीमारी के अनुसार मरीजों को एक से डेढ़ घंटा तक रुकने का कहा। इस अवधि के बाद अधिकांश मरीजों ने स्वयं को बीमारी की पीड़ा से मुक्त होना स्वीकार किया। डॉ. वैदिक ने कहा कि वे जीवन में कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए। आज भी वे 8 से 10 मंजिल तक स्वयं पैदल चलकर जाते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के बहुत से लाभ हैं। प्रसन्नता है कि महासभा ने आम लोगों के हित में यह आयोजन किया है।

संयोजक मोहनलाल बंसल ने बताया शिविर में मुख्य रूप से कमर दर्द, घुटना दर्द, डायबिटीज, मोटापा, थाइराइड, प्रोस्टेड, गैस, एसिडिटी, हृदय रोग, मूत्र समस्या, ब्लड प्रेशर, अल्सर, कब्ज, अनिंद्रा, त्वचा रोग सहित लगभग सभी तरह के रोगों का निःशुल्क उपचार किया जाएगा। आज आने वाले अधिकांश मरीज पेट दर्द, कमर एवं घुटनों के दर्द, मधुमेह, थाईराइड, मोटापा, गैस, कब्ज, नेत्र रोग आदि से पीड़ित थे। शिविर में सभी तरह के रोगों का इलाज संभव होगा। इलाज के इच्छुक मरीजों से आग्रह किया गया है कि बीमारी के पूर्व में किए गए उपचार संबंधी कागजात आदि भेजकर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन पहले आएं पहले पाएं के आधार पर होगा। प्रतिदिन 6 सत्रों में इन मरीजों का उपचार किया जाएगा। 26 फरवरी तक के पंजीयन पूरे हो जाने से अब 27 फरवरी एवं उसके बाद के ही पंजीयन हो सकेंगे। शिविर सभी धर्मों एवं समाजों के लोगों के लिए निःशुल्क खुला है।