अग्रवाल समाज के सामूहिक विवाह में नवयुगलों ने  लिया आठवां फेरा

इंदौर, । बायपास स्थित श्री अग्रसेन महासभा का मांगिलक भवन आज शाम तीन युगलों के परिणय बंधन का साक्षी बन गया। घोड़ियों से सवार दूल्हे राजा और बग्घियों में सजी-धजी लेकिन सकुचाती और शरमाती दुल्हनों का संयुक्त चल समारोह बैंड-बाजों सहित जब इस्कान मंदिर मार्ग से पुनः मांगलिक भवन पहुंचा तो महाराजा अग्रसेन के जयघोष से समूचा परिसर गूंज उठा। नवयुगलों ने शास्त्रोक्त सात फेरों के बाद आठवां फेरा शहर और समाज के सामाजिक सरोकारों के पालन का भी लिया। मध्य रात्रि को जब नवयुगलों ने गृहस्थी चलाने योग्य ढेरों उपहारों एवं कर्म के सिद्धांतों को स्थापित करने वाली गीता के साथ बिदाई ली तो अनेक आंखें सजल हो उठी।

श्री अग्रसेन महासभा की मेजबानी में सामूहिक विवाह का यह 33वां आयोजन था, जिसका श्रीगणेश शनिवार की शाम को वर- वधुओं के पंजीयन एवं पंडितों के मार्गदर्शन में देवताओं की स्थापना के साथ हुआ। आज सुबह चाक-भात के बाद मेहमानों ने पूरे उल्लास के साथ परंपरागत रस्मों का पालन किया। महासभा के अध्यक्ष राजेश बंसल, सचिव राजेश जिंदल के साथ महोत्सव के लिए गठित समितियों के पदाधिकारी पूरे समय मेहमानों की अगवानी के लिए मौजूद रहे। दोपहर में लजीज भोजन के बाद मामेरा और सामेला हुआ तो होली और फूलों के रंगों से विवाह स्थल महक उठा। बैंड-बाजों की सुर लहरियों तथा प्रत्येक दूल्हे के साथ छत्र और चंवर एवं एक रथ पर महाराजा अग्रसेन के चित्र सहित शोभायात्रा इस्कान मंदिर मार्ग से मांगलिक भवन पहुंची, जहां तीन तोरण, तीन लग्न वेदी, तीन मंडप एवं तीन पंडितों की व्यवस्था रखी गई थी। तोरण की बेला में वरिष्ठ समाजसेवी विनोद अग्रवाल, प्रेमचंद गोयल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, सुभाष बजरंग, सुरेश बंसल, पी.डी. अग्रवाल किशनलाल ऐरन, शंभूदयाल राखोड़ीवाले आदि ने मेहमानों का स्वागत किया।

आशीर्वाद समारोह – पानी ग्रहण संस्कार में परंपरागत सात फेरों के बाद सभी युगलों ने आठवां फेरा शहर को छठवीं बार देश में सफाई के मामले में नंबर वन बनाने, दहेज मुक्त विवाह करने, जूठन नहीं छोड़ने कोरोना को हराने एवं गीता के कर्म के सिद्धांतों का पालन करने के लिए भी लिया। इसके बाद वरिष्ठ समाजसेवी विनोद अग्रवाल, प्रेमचंद गोयल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, सुभाष बजरंग, पुरुषोत्तम गर्ग, सुरेश बंसल के आतिथ्य में आशीर्वाद समारोह में सभी युगलों को महाराजा अग्रसेन के चित्र की साक्षी में करीब 70 गृहस्थी चलाने योग्य उपहारों के साथ बिदाई दी गई। इस मौके पर सभी मेहमानों ने महासभा द्वारा की गई व्यवस्थाओं की खुले मन से प्रशंसा की। मांगलिक भवन के वातानुकूलित कमरों और तीन सभागृहों में सभी मेहमानों के लिए जरूरी प्रबंध किए गए थे। बिदाई के बेला में अनेक आंखें सजल हो उठी।

दिए गए उपहार – आज हुए सामूहिक विवाह में शामिल सभी युगलों को बिदाई में अलमारीगद्दे सहित पलंगकूलर21 बड़े एवं 11 छोटे बर्तन3 साड़ियांलहंगाचुन्नी बेसदूल्हे का सूटपायजेबबिछुड़ीमंगलसूत्रनथतीनों तरह के ओवनप्रेशर कूकरइंडक्शन चूल्हा2 सूटकेसकंबलसिलाई मशीनपानी के बड़े घड़ेप्रेस (ईस्त्री) सहित करीब 70 से अधिक उपहार समाजबंधुओं के सौजन्य से भेंट किए गए। सबको गीता ग्रंथ भी भेंट किया गया ताकि कर्म के सिद्धांत को अपना सकें।

अन्य विशेषताएं – सामूहिक विवाह में महासभा के अध्यक्ष राजेश बंसल, एवं सचिव राजेश जिंदल के मार्गदर्शन में मेहमानों को तीन समय चाय-नाश्ता, तीन समय भोजन के अलावा बैंड-बाजे, बग्धी-घोड़ी, छत्र-चंवर, वरमाला आदि की व्यवस्था की गई थी। भोजन में अधिकतम 21 व्यंजनों की सीमा का पालन भी किया गया, वहीं चल समारोह में बायपास के व्यस्त यातायात को देखते हुए चल समारोह को निर्धारित समय पर शुरू कर यातायात बाधित नहीं होने देने तथा सभी मेहमानों को भवन के सुसज्जित कक्षों में ठहराने जैसे संकल्प भी पूरे किए गए। महासभा के भवन को आकर्षक विद्युत एवं पुष्प सज्जा से श्रृंगारित किया गया था। विवाह समारोह में शहर के सभी प्रमुख अग्रवाल संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी भी उपस्थित थे।