संतों की रुचि भी इंदौर में बढ़ने लगी

इंदौर, । औद्योगिक और सांस्कृतिक राजधानी के बाद अब इंदौर की गिनती धार्मिक राजधानी के रूप में भी होने लगी है। बॉलीवुड की अनेक फिल्मों की शूटिंग इंदौर एवं आसपास के क्षेत्रों में हो ही रही है। स्वच्छता के मामले में पांचवीं बार देश के सबसे साफ-सुथरे शहर का खिताब मिलने के बाद देश के अलग-अलग क्षेत्रों के नायक अब इंदौर की ओर मुड़ने लगे हैं। इस श्रृंखला में अब वृंदावन के स्वामी अखंडानंद आश्रम के प्रमुख और देश के शीर्ष संतों में शामिल महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती का आश्रम भी इंदौर में 11 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है।

स्वामी प्रणवानंद सरस्वती वैसे तो पिछले करीब 25 वर्षों से इंदौर आ रहे हैं। वे हर वर्ष गीता भवन में होने वाले अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के अलावा अनेक चातुर्मासिक अनुष्ठानों में भी सानिध्य प्रदान कर चुके हैँ। अब रुचि लाइफ स्केप, शिशु कुंज स्कूल के पीछे ग्राम झलारिया में अखंड वेदांत कुटीर नाम से उनका आश्रम स्थापित किया गया है। इसका वास्तु पूजन शुक्रवार 11 फरवरी को सुबह 10 बजे से विद्याधाम के आचार्य पं. राजेश शर्मा के सानिध्य में होगा। आश्रम के प्रमुख श्री सुरेश शाहरा ने बताया कि अखंड प्रणव योग वेदांत पारमार्थिक न्यास के माध्यम से स्वामी प्रणवानंद सरस्वती का सानिध्य इंदौर के भक्तों को भी मिल सकेगा। इस अवसर पर देश के अनेक जाने-माने संत, विद्वान शुक्रवार को इंदौर आ रहे हैं। इनमें स्वामी विजयानंद सरस्वती, स्वामी पूर्णानंद सरस्वती, स्वामी ब्रह्मेशानंद सरस्वती, स्वामी कृष्णानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी ज्ञानेश चेतन्य, ब्रह्मचारी महेश चेतन्य आदि के नाम प्रमुख हैं, जो मथुरा, वृंदावन, नासिक और प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थलों से आएंगे। आयोजन समिति के योगेश शुक्ला, सुनील तिवारी, पं. दिनेश शर्मा, वेस्ता मसाणिया एवं ब्रह्मचारी नारायण के अनुसार इस आश्रम के माध्यम से स्वामी प्रणवानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में नियमित रूप से बच्चों के लिए संस्कार शिविरों एवं नियमित सत्संग आदि के अनुष्ठान भी होंगे। स्वामी प्रणवानंद पिछले 25 वर्षों में शहर के अनेक स्थानों पर बच्चों के लिए संस्कार कक्षाएं लगा चुके हैं। कोरोना काल के कारण पिछले दो वर्षों से यह सिलसिला बाधित हुआ था, लेकिन अब कोरोना के प्रतिबंध हटने के साथ ही सभी गतिविधियां फिर से शुरू हो सकेंगी। स्वामीजी का एक अन्य आश्रम गांधीनगर में भी दो वर्ष पूर्व स्थापित किया जा चुका है, जहां आदिवासी बच्चों को रखकर उनकी शिक्षा, दीक्षा के प्रबंध किए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि शहर में पिछले कुछ वर्षों में फिल्मी जगत का भी आकर्षण बढ़ा है। दो धारावाहिकों में तो नियमित रूप से इंदौर का उल्लेख हो रहा है। इनमें सोनी टीवी पर आ रहा धारावाहिक कामना और हाल ही शुरू हुए मोसे छल किए जाए नामक धारावाहिक में भी इंदौर का उल्लेख चल रहा है। धर्म स्थलों और संस्थानों की बात करें तो स्वामी नारायण मंदिर, इस्कान मंदिर के अलावा देश के लगभग सभी संत-विद्वानों द्वारा संचालित संगठनों के केन्द्र भी खुल गए हैं। इनमें सुधांशुजी महाराज द्वारा संचालित विश्व जागृति मिशन, आसाराम बापू द्वारा संचालित आश्रम एवं गुरुकुल, मां कनकेश्वरी देवी के आश्रम भी शहर में संचालित किए जा रहे हैं। इनके साथ ही त्रिवेणी धाम पीठाधीश्वर स्वामी नारायणदास महाराज, गृहस्थ संत किरीट भाई, प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू, साध्वी ऋतम्भरा, युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि, नारायण सेवा संस्थान उदयपुर, प्रजपिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय वि.वि. माउंटआबू, मां आनंदमयी आश्रम, अन्नपूर्णा आश्रम, गोंदवले धाम आदि कुछ ऐसे नाम हैं, जिनके अनुयायी या शिष्य किसी न किसी रूप में इंदौर में सक्रिय रहकर अपनी सेवा गतिविधियां चला रहे हैं।