शहर के श्वेताम्बर एवं दिगम्बर जैन संत तथा समाजबंधु आए एक जाजम पर, रचा नया इतिहास

शहर के श्वेताम्बर एवं दिगम्बर जैन संत तथा समाजबंधु आए एक जाजम पर, रचा नया इतिहास

 इंदौर, ।  जैन समाज के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ प्रभु के जन्म एवं दीक्षा कल्याण महोत्सव के उपलक्ष्य में आज सुबह महावीर भवन राजबाड़ा से एयरपोर्ट रोड स्थित महावीर बाग तक निकली विराट रथयात्रा ने समूचे मार्ग को महावीरमय बना दिया। श्वेताम्बर और दिगम्बर संतों के साथ समाजबंधुओं ने भी इस यात्रा में परंपरागत परिधान में शामिल होकर एक बार फिर जैन समाज के नाम नया इतिहास रच दिया। आज की इस यात्रा में दिगम्बर और श्वेताम्बर समाज बंधु एक साथ, एक जाजम पर नजर आए। पूरे यात्रा मार्ग में कहीं भी यातायात को बाधित नहीं होने दिया गया।

नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मुख्य संयोजक ललित सी. जैन, राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष प्रीतेश ओस्तवाल एवं मालवा महासंघ के अध्यक्ष दिलसुखराज कटारिया ने बताया कि राजबाड़ा से श्वेताम्बर एवं दिगम्बर जैन आचार्यों, संतों एवं साध्वी भगवंतों के सानिध्य में निकली इस रथयात्रा का एक सिरा जब बंबई बाजार चौराहे पर पहुंच गया था, तब अंतिम सिरा राजबाड़ा पर ही मौजूद था। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, देवास के सांसद महेन्द्रसिंह सौलंकी, इंविप्रा के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक आकाश विजयवर्गीय, संजय शुक्ला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, पूर्व पार्षद दीपक जैन टीनू ने हरी झंडी दिखाकर रथयात्रा का शुभारंभ किया। संचालन योगेन्द्र जैन एवं जैनेश्वर जैन ने किया।

नवरत्न परिवार एवं समग्र जैन समाज की मेजबानी में निकली इस रथयात्रा में पांच विशाल रथों पर सम्मेद शिखर तीर्थ, मेरू पर्वत, शंखेश्वर पार्श्वनाथ, भगवान के रथ तथा मालवा भूषण नवरत्नसागर म.सा. की प्रतिमा सहित कुल पांच मनोहारी झांकियां, अश्वारोही बालक, ऊंट गाड़ी, रजत मंडित रथ पर भगवान पार्श्वनाथ की सवारी, बैंड दलों की स्वर लहरियों के बीच भगवान के शाही राज दरबार और महिलाओं के विभिन्न संगठनों द्वारा मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, 300 फीट लंबा जैन ध्वज 56 दीपकुमारियों द्वारा नृत्य, मंगल कलश और ध्वजाधारी महिलाओं के साथ यह काफिला  जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, समाजबंधुओं का उत्साह भी हिलौरे भरने लगा। शहर के 24 जैन श्रीसंघों की भागीदारी ने भी इस रथयात्रा को विराट स्वरूप दे दिया। यात्रा में रथ पर सवार दीक्षार्थी भाई-बहन का वरघोड़ा भी आकर्षण का केन्द्र बना रहा। महिलाएं हाथों में जैन धर्म के सिद्धांतों के अनुरूप संदेश लिखी पटिटकाएं लेकर चल रही थीं। यात्रा को महावीर बाग तक पहुंचने में करीब चार घंटे का समय लगा। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी यात्रा में पैदल चलते रहे।

महावीर बाग पहुंचने पर जैन साधु-साध्वी भगवंतों की साक्षी में धर्मसभा हुई जिसमें अनुयोगाचार्य वीररत्न विजय म.सा., दिगम्बर जैन समाज के आचार्य संत डॉ. प्रणाम सागर म.सा., मुनिराज राजेश मुनि म.सा. एवं आचार्य दिव्यानंद सूरीश्वर म.सा. सहित शहर में विराजित साधु-साध्वी भगवंतों की निश्रा में सभी संतों ने अपने आशीर्वचन में पार्श्वनाथ प्रभु के जीवन चरित्र, भक्ति, परोपकार पर आधारित आशीर्वचन देते हुए हजारों समाजबंधुओं का आव्हान किया कि वे जीवन में भक्ति और परोपकार के मार्ग पर चलते रहें। प.पू. साध्वी विजयप्रभाश्रीजी म.सा., अर्चपूर्णाश्रीजी म.सा., सुवर्णरेखाश्रीजी म.सा. भी आदिठाणा सहित न केवल इस रथयात्रा में शामिल हुए, बल्कि धर्मसभा में भी निश्रा प्रदान की।