नशा बना परिवार के लिए अभिशाप,,,*वन स्टॉप सेंटर की कोशिश से संवारा गया घर
व्यथिता भारती वर्मा ने वन स्टॉप सेंटर, इंदौर में एक आवेदन लाया की उसे उसका पति (गोलु) बहुत मारता है मदिरा पी कर | उसे उसके दो साल के बच्चे से भी अलग कर दिया और उसे मायके पहुंचा आया | वह किसी से भी बात करती थी तो उसपे शक करता था दूसरे आदमियों के साथ उसका नाम जोड़ता था |
फिर इस आधार पर भी उसपर हाथ उठाता था| मुद्दा जब वन स्टॉप सेंटर में आया,तो प्रशासक डॉ वंचना सिंह परिहार ने केस वर्कर विनीता सिंह और परमर्शदात्री अनन्या शर्मा को गंभीरता समझते हुए त्वरित कार्रवाई, परामर्श हेतु निर्देशित किया। भारती के दुख इस तरह बढ़ रहे थे कि
एक बार भारती की तबियत बहुत खराब थी तो भी उसका बिलकुल ध्यान नहीं रख रहा था और उल्टा उसे काम करने भी लेकर जाता था हॉस्पिटल में वैसे हालत में|
एक बार तो उसने उसके सीने में बैठ कर गला दबा कर मारने की भी कोशिश की थी | इसके ससुराल वाले भी आए दिन इस पर अत्याचार करते थे |
भारती चाहती थी की वह अपने पति और बच्चे के साथ अलग रहे अपने सास ससुर के साथ नही रहना चाहती थी और पैसे अपने बच्चों की पढ़ाई में लगाना चाहती है|
दोनो का एकल एवम संयुक्त सत्र परामर्श का किया गया परामर्शदात्री अनन्या शर्मा के द्वारा और दोनों का समझौता करवाया गया की दोनों अलग रहेंगे अपने बच्चे के साथ और अगर जरूरत पड़ी तो पूरी मदद करेंगे अपने सास ससुर की |
गोलू अपनी पत्नी को इज्जत देगा और मार पीट नही करेगा, दारू पीना कम कर के 6 माह में पूरा छोड़ देगा | दोनों एक दूसरे पर शक नहीं करेंगे और रिश्ता मज़बूत करने का प्रयास करेंगे।
अतः इस समझौते के बाद अब दोनों पति पत्नी साथ मैं रहने को राज़ी हो गए। जिला कार्यक्रम अधिकारी महोदय के मार्गदर्शन में सखी केंद्र,परिवार जोड़ने और पीड़ित महिलाओ को न्याय दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।