जब देवकीनंदन महाराज बन गए हलवाई

कथा पंडाल से अचानक पहुंचे शिव महाराज की भोजनशाला, स्वाद लेकर बोले- ‘वाह, अदभुत’…

इंदौर, । स्कीम 78 में कनकेश्वरी मंदिर ट्रस्ट की मेजबानी में चल रही कथा के प्रमुख वक्ता वृंदावन के ख्यात कथा मर्मज्ञ स्वामी देवकीनंदन ठाकुर अचानक कथा स्थल पर चल रही शिव महाराज की भोजनशाला में पहुंच गए और वहां तैयार हो रही रसोई एवं अन्य व्यंजनों का जायजा भी लिया और जायका भी ।

      उन्होंने शिव महाराज से रसोई की जानकारी लेते हुए खुद कढ़ाव पर चड़े बड़े पात्र को खोंचे से उलट-पुलट किया। पूड़ी बनाने के आटे के पेड़े-लोए भी बनाए और मिठाईयों का स्वाद लेकर बोले-वाह अदभुत… इंदौर के स्वाद की तो बात ही निराली है। जब उन्हें शिव महाराज एवं यशवंत पाटिल ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 75 हजार भक्तों के लिए गर्मागर्म रसोई बनाई जा रही है, हर दिन नए व्यंजन और नई सब्जी भी परोसी जा रही है तो ठाकुरजी गदगद हो उठे। ठाकुरजी ने भोजनशाला में काम कर रहे 400 सहयोगियों से भी मुलाकात की और उन्हें आशीर्वाद देते हुए बोले- जो आनंद इंदौर में आता है और कहीं नहीं मिलता। यहां भजन के साथ भोजन प्रेमी भी निराले हैं। आज समापन दिवस पर मक्खन बड़े, मटर-पनीर, मूंग-चावल की खिचड़ी एवं पूड़ी-सब्जी का प्रसाद बनाया गया, जिसे 50 हजार से अधिक भक्तों ने ग्रहण किया।