“खादी बाज़ार-2021”खादी परिधान उत्सव” का आयोजन
*इंदौर, आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इसी के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग भवन, भोपाल द्वारा खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हेतु 15 दिवसीय “खादी बाज़ार-2021” विशेष खादी प्रदर्शनी का आयोजन अर्बन हाट बाजार में किया जा रहा हैl खादी बाज़ार में टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के सहयोग, खादी ग्रामोद्योग भवन, भोपाल और आईपीएस एकेडमी के संयुक्त तत्वाधान में “खादी परिधान उत्सव” का आयोजन किया गयाl
इस खादी परिधान उत्सव का उद्देश्य नवयुवकों, स्कूल, कॉलेज के छात्र- छात्राओं में देशभक्ति की भावना का संचार करने हेतु आत्म निर्भर भारत के निर्माण में सहयोग करना है और अधिक से अधिक खादी वस्त्रों का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करना है। खादी के महत्व और परिधान को मॉडल्स द्वारा प्रदर्शित किया गया l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध लेखक एवं ब्रिटिश काउंसिल लंदन में इंडियन सॉलिडेरिटी काउंसिल द्वारा बहुत प्रतिष्ठित महात्मा गांधी सम्मान प्राप्त डॉ. विवेक गावड़े एवं आईपीएस एकेडमी फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की प्राचार्य श्रीमती प्रीति सर्वा थी।
“खादी परिधान उत्सव” की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण और दीप प्रजवलन द्वारा की गई। इस उत्सव में चार राउंड थे जिसमे पहला राउंड साडी – भारतीय परम्परा के ऊपर था जिसमें महामाया बिलासपुर खादी आश्रम की तसर सिल्क, हैंड पेंटेड साड़ियों का प्रदर्शन किया गया। दूसरे राउंड में भारतीय खादी का गर्व खादी कुर्ता (लड़को के लिए) था जिसमें खादी के कई डिजाइनर कुर्तों, कश्मीरी जैकेट्स, कश्मीरी शॉल्स और कई उत्पाद प्रस्तुत किए गए। तीसरा राउंड ड्रापिंग के ऊपर था जिसमे लड़कियों के लिए कई तरह के आकर्षक तसर सिल्क दुपट्टा, जो दाबु प्रिंट्स, नंदना प्रिंट्स और बाटिक के साथ प्रस्तुत किया गया। चौथा और आखरी राउंड में स्वतन्त्रता के प्रतीक खादी कुर्ता पजामा के ऊपर था इसमें पानीपत हरयाणा के हरिओम खादी संघ के खादी प्रोडक्ट्स और साथ की कई गृह एंवम कुटीर उद्योग सम्बंधित उत्पाद भी प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम के माध्यम से आज के युवाओं ने खादी को करीब से जाना और खादी से सम्बंधित जिज्ञासाओं को शांत किया।
प्रदर्शनी के संयोजक श्री पंकज दुबे ने बताया – “आज के इस ‘खादी परिधान उत्सव’ का मूल उद्देश्य युवाओ से जोड़ना था, उन्हें खादी के प्रति आकर्षित करना था। सरकार के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को पूरा करने के लिए आज के युवाओ को आगे आना होगा जो इनके बिना संभव नहीं होगा। यहां केवल खादी और सिल्क के कपड़े ही नहीं बल्कि बहुत सी वस्तुएं उपलब्ध हैं जिनमें रोजमर्रा की जरूरतें, घर की सजावट और स्वाद व पूजन से संबंधित सामग्रियाँ भी शामिल हैं। इस बार खादी को प्रमोट करने के लिए कई विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे है जिसमे हमने इस रविवार विशेष खादी परिधान उत्सव का आयोजन किया, जिसमें मॉडल्स खादी परिधान पहनकर रैंप वाक किया और खादी को लोकप्रिय करने का प्रयास कियाl