राष्ट्र अक्षुण होता देश नहीं – पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ 

राष्ट्र अक्षुण होता देश नहीं – पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

इंदौर । समाज की सामूहिक शक्ति ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। देश तो छोटी चीज होती है, देश बड़ा नहीं होता बल्कि राष्ट्र बड़ा होता है। जिस दिन हम भारत राष्ट्र पर गर्व करेंगे तो हर जाति को अपने पर गर्व महसूस होगा। जाति तो घर की सीमा तक सीमित होती है। एक बार जाति को छोड़कर सनातनी होने की सोच रखकर सरकार बनाने की जरूरत है। राष्ट्र सरकार बनाता है।सरकार तो अस्थाई होती है। राष्ट्र स्थाई होता है। राष्ट्र कभी नहीं टूटा और ना कभी टूटेगा।

यह विचार अभय प्रशाल में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित वैचारिक महाकुम्भ राष्ट्र चिंतन के तहत,, वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्र के समक्ष चुनोतियाँ एवं समाधान,, विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकुमचंद सांवला थे। इस अवसर पर गोसेवा भारती व चैतन्य भारत आदि हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता व बड़ी संख्या में युवक, युवतियां व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।