जीवन के सभी संशयों का समाधान रामकथा में -मंदाकिनी

इंदौर, । रामचरित मानस की प्रत्येक पंक्ति मानव जीवन के लिए आज भी प्रासंगिक, शाश्वत और उपयोगी है। मानस के रूप में तुलसीदास ने दुनिया को ऐसा दिव्य ग्रंथ दिया है, जिसमें जीवन के सभी संशयों का समाधान मौजूद है। यह वह कथा है जो हमारे अंतःकरण से लेकर घर-परिवार, मोहल्ले, समाज और राष्ट्र में सुख और शांति की स्थापना कर सकती है। प्रभु श्रीराम की मंगलमय भक्ति प्राप्त करने के लिए मन की पवित्रता पहली शर्त है। राम जन-जन के आराध्य है तो हनुमान दासों के दास हैं। इंदौर और संगम नगर के श्रद्धालु बड़भागी हैं, जिन्हें रामकथा को एक बार फिर श्रवण करने का दुर्लभ सौभाग्य मिल रहा है।

       ये दिव्य विचार हैं प्रख्यात राम कथाकार,  मंदाकिनी श्रीरामकिंकर के, जो उन्होंने आज शाम संगमनगर स्थित श्रीराम मंदिर पर आज से प्रारंभ रामकथा के शुभारंभ प्रसंग पर उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व संगम नगर के बी सेक्टर स्थित संत निवास, चंदा विला से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बैंडबाजे, ढोल-ताशे, रथ-बग्घी सहित भजन एवं गरबा मंडलियों में नाचते-गाते श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। पूर्व राज्यमंत्री पं. योगेन्द्र महंत, संजय लुणावत, श्याम मोमबत्ती, गोविंद पंवार शोभायात्रा की अगवानी के लिए संगम नगर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कहीं रंगोली सजाई गई तो कहीं मंच लगाकर फूलों की वर्षा की गई। राम मंदिर पहुंचने पर वरिष्ठ समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता,  आदि ने विद्वान वक्ता की अगवानी की।  संगम नगर में घर-घर दीपावली जैसी रोशनी के दृश्य नजर आ रहे थे। जगह-जगह स्वागत मंच लगाकर पुष्प वर्षा भी हुई। दीदी मां एक बग्घी में सवार होकर भक्तों का अभिवादन कर रही थी।

       अपने प्रारंभिक उद्बोधन में दीदी मां ने दो वर्ष पूर्व संगम नगर में हुए राम-जानकी विवाह की याद ताजा करते हुए कहा कि सचमुच संगम नगर के भक्तों का उत्साह ठीक वैसा ही है जैसा अपने जंवाई और बेटी की अगवानी के समय होता है। राम और जानकी तो अब संगम नगर के बेटी-दामाद है इसलिए इस बार भी कथा का श्रवण हमें उसी मनोभाव से करना चाहिए। उन्होंने संकेत दिया कि इस बार सुंदरकांड के प्रसंगों और हनुमानजी के चरित्रों पर आधारित रामकथा होगी। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी प्रेमचंद गोयल के अमृत महोत्सव, 75वें जन्मोत्सव पर शुभ भाव व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में धर्म, संस्कार और संस्कृति को लेकर उन्होंने हमेशा केवल इंदौर ही नहीं, सारे देश में सेवा कार्य किए हैं। ऐसे समर्पित और सात्विक सेवाभावी के जन्मोत्सव को पूरा शहर मनाएगा।