इंदौर। संस्था शहादत को नमन के बैनर तले विजय दिवस महोत्सव के अंतर्गत छोटा बांगड़दा निर्भया गरबा पांडाल में बुधवार की रात लगातार तीसरा शंखनाद कवि सम्मेलन का सफलतम आयोजन सम्पन्न हुआ।
युवा कवियों के साथ वरिष्ठ कवियों ने बेहतरीन रचना पाठ कर श्रौताओं को आनन्दित कर दिया।
बृजमोहन शर्मा ‘बृज’ की अध्यक्षता में आयोजित शंखनाद तृतीय कवि सम्मेलन का संचालन युवा कवि अक्षत व्यास ने किया गया। कवियों का स्वागत आयोजक ओपी यादव (पूर्व नौसेना अधिकारी) ने किया। बृजमोहन शर्मा बृज, हरिश सिसोदिया साथी, मनोहरलाल सोनी बाबा, अतुल दवे, संतोष त्रिपाठी ‘सुजान’, लवकुमार यादव, अक्षत व्यास, शिवानी उदेनियां ‘शान’, निहारीका प्रजापत आदि कवियों ने काव्यपाठ कर मंत्र मुग्ध कर दिया। आभार ओपी यादव ने माना।
यह जानकारी जितेन्द्र शिवहरे ने दी।
कवियों की रचनाएँ-
मेरे घर पर मेरे रब की कुछ ऐसी है मेहरबानी
दीवारें मोम की है और शोलों की निगेहबानी
आ. अतुल दवे जी (इंदौर)
सरे महफिल मेरे हाथों में तुम कोई जाम न देना
दीवाना मजनू छैला जैसा कोई नाम न देना
किसी की आंखों से पीकर बहक जाऊं अगर मैं तो
मुझको माफ करना यारों कोई इल्जाम न देना।
बृजमोहन शर्मा ‘बृज’ (इंदौर)
नहीं शौक़ मुझको बिंदिया लाली श्रृंगार का चूड़ी वाले हाथ तलवार स्थान रखती हूं,
थर्रा उठे दुश्मन की आने वाली नस्लें भी स्वयं में झांसी वाली मर्दानी विराजमान रखती हूं।
“शान” की है शान की जनमी हूं इस धरा पर,,
समा हृदय में वतन को अपने जय स्वदेश गान करती हूं।।
मैं लिखता हूँ दिलो जां से अमन उगले मेरी माटी
सदा खुशहाल हो ऐसा मैं हिंदुस्तान लिखता हूँ
सबरस कवि मनोहरलाल सोनी बाबा (इंदौर)