पहली बार पुष्कर में ब्रह्माजी-सावित्री की रथयात्रा इसी काष्ठ रथ पर निकलेगी

पहली बार पुष्कर में ब्रह्माजी-सावित्री की रथयात्रा इसी काष्ठ रथ पर निकलेगी

इंदौर, । दुनिया के एकमात्र पुष्कर स्थित ब्रह्माजी के मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्माजी और सावित्री की पहली बार रथयात्रा मालवांचल के नर्मदा तट स्थित सत्यधाम आश्रम पर निर्मित विशेष काष्ठ रथ पर निकाली जाएगी। सत्यधाम आश्रम भगवान परशुराम की तपोस्थली रहा है। इंदौर में यह यात्रा सोमवार 15 नवम्बर को कसरावद एवं धामनोद होते हुए एमआर 10 रोड स्थित स्वस्तिक गार्डन पहुंचेगी। यहां से 16 नवम्बर मंगलवार को सुबह 9 बजे बायपास के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए उज्जैन के लिए प्रस्थित होगी। यह काष्ठ रथ एक विशाल ट्राले पर रखकर लाया जा रहा है।

       परशुराम महासभा मध्यप्रदेश के प्रदेश प्रभारी पं. संजय मिश्रा एवं पं. शैलेन्द्र जोशी ने बताया कि यह पहला अवसर है जब पुष्कर स्थित ब्रह्माजी के इकलौते मंदिर से ब्रह्माजी एवं सावित्री की रथयात्रा तीर्थ क्षेत्र पुष्कर में निकाली जा रही है। इसके लिए सागौन एवं चंदन सहित करीब 11 क्विंटल लकड़ी से रथ का निर्माण किया गया है, जिसकी लंबाई 18 फीट, चौड़ाई 8  फीट एवं उंचाई 13 फीट है। इसका निर्माण विशेषज्ञ मिस्त्रियों ने चार माह में पूरा किया है। इस पर करीब 12  लाख रुपए की लागत आई है। सत्यधाम आश्रम पर देवउठनी एकादशी पर सुबह 10 बजे ब्रह्माजी एवं सावित्री का विवाह समारोह होगा। जिसमें संत, महंतों और भक्तों के साथ आसपास के पचास से ज्यादा गांवों के श्रद्धालु भी बैंडबाजों सहित बारात में शामिल होंगे। रथ पर ब्रह्माजी एवं सावित्री की प्रतिमाएं विराजित कर यह रथ पुष्कर धाम के लिए प्रस्थित होगा। जहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तर्ज पर ब्रह्माजी एवं सावित्री की रथयात्रा की शुरुआत होगी। सत्यधाम आश्रम के प्रमुख पं. गोरेलाल शर्मा एवं पं. पीयूष शर्मा भी इस रथ के साथ रहेंगे।

       पं. मिश्रा एवं पं. जोशी के अनुसार 15 नवम्बर को यह रथ सत्यधाम से रवाना होकर कसरावद, धामनोद, दूधी होते हुए इंदौर पहुंचेगा और रात्रि विश्राम एमआर 10 स्थित स्वस्तिक गार्डन पर होगा। अगले दिन सुबह 9 बजे से यह रथ बायपास के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए उज्जैन के लिए प्रस्थित होगा। इस दौरान मार्ग में आने वाले क्षेत्रों में रथयात्रा के स्वागत की भव्य तैयारियां की जा रही है।  16 नवम्बर को उज्जैन और वहां से मंदसौर, 17  को मंदसौर से नीमच और चित्तोड़गढ़ होकर यह रथ शाम को पुष्कर पहुंच जाएगा। 18 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन यह रथ पुष्कर में ब्रह्माजी के मंदिर को भेंट किया जाएगा और उसी दिन सरोवर घाट क्षेत्र में रथयात्रा निकाली जाएगी।