सैकड़ों लोगों ने लिया गो रक्षा का संकल्प – जल्द ही गो शाला में शुरू होगी गो स्पर्श चिकित्सा

सैकड़ों लोगों ने लिया गो रक्षा का संकल्प – जल्द ही गो शाला में शुरू होगी गो स्पर्श चिकित्सा

इंदौर, । केशरबाग रेलवे क्रासिंग के पास स्थित श्री अहिल्यामाता गौशाला पर आज गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में सैकड़ों गो भक्तों ने गो रक्षा का संकल्प तो लिया ही, दिनभर गोशाला पहुंचकर गो पूजन, गोदान पूजा, तुलादान एवं गो सेवा के विभिन्न प्रकल्पों में उत्साहपूर्ण भागीदारी दर्ज कराई। गोशाला को आज दीपों एवं अन्य साधनों से सजाया गया था। गोशाला स्थित सप्त गो माता मंदिर पर आचार्यो के निर्देशन में विशेष पूजा अर्चना भी की गई।

        गोशाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष रवि सेठी, मंत्री पुष्पेन्द्र धनोतिया एवं संयोजक सी.के. अग्रवाल ने बताया कि गोपाष्टमी पर सुबह से ही गो भक्तों का आगमन शुरू हो गया था। अनेक बंधु परिवार और बच्चों सहित आए और आचार्य पं. मुकेश शास्त्री एवं उनकी टीम के निर्देशन में गो सेवा के विभिन्न आयामों में भागीदारी दर्ज कराई। इनमें गो पूजन, गो दान एवं तुलादान भी शामिल है। तुलादान में गो भक्तों ने अपने वजन के मान से गो माता के लिए उपयुक्त अन्न का दान भी किया। अनेक गो भक्त गो माता के नीचे से भी निकले और अनेक ने परिक्रमा भी की। गोशाला प्रबंध समिति की ओर से गोशाला के कर्मचारियों को यूनिफार्म भी भेंट की गई, जिसे पहनकर सब एक ही रंग में नजर आए। समूचे परिसर की साफ-सफाई एवं सजावट देखने लायक थी। सप्त गो माता मंदिर पर पूजा-अर्चना करने वालों को आधे से एक घंटे तक प्रतिक्षा करना पड़ी। इस अवसर पर सभी अतिथियों का रवि सेठी, पुष्पेन्द्र धनोतिया, सी.के. अग्रवाल एवं ओमप्रकाश पसारी ने स्वागत किया।

गो स्पर्श चिकित्सा का प्रदशर्न, अहिल्यामाता गोशाला में भी शुरू करेंगे –गोपाष्टमी के अवसर पर गो स्पर्श चिकित्सा एवं पंच गव्य चिकित्सा का प्रारंभिक प्रदर्शन भी विशेष रूप से किया गया, जिसमें दीपक गुप्ता ने बताया कि गो मूत्र से आभा मंडल ऊर्जावान होता है, गो मूत्र को हाथ की अंजुरी पर रखने से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, हाथ-पैर के दर्द एवं निद्रा पूरी न होने जैसी तकलीफों से भी आराम मिलता है। यदि रोज पांच मिनट के लिए अंजुरी पर गो मूत्र रखा जाए तो शरीर के सभी विकार दूर होकर आभा मंडल ऊर्जावान बनता है। गोशाला प्रबंध समिति ने अहिल्या माता गोशाला में जल्द ही गो स्पर्श एवं पंच गव्य चिकित्सा शुरू करने का संकल्प व्यक्त किया।