संतों और गो भक्तों ने गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित
करने की मांग के साथ मनाया बलिदान दिवस
इंदौर, । संस्था गो-सेवा भारती एवं चैतन्य भारत के संयुक्त तत्तावधान में शहर के संतों एवं गोभक्तों ने गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की मांग के साथ ही गो भक्त बलिदान दिवस भी मनाया। राजबाड़ा स्थित अहिल्या प्रतिमा के समक्ष सैकड़ों कार्यकतार्ओं ने गोरक्षा का संकल्प भी लिया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास महाराज, महामंडलेश्वर राजनाथ योगी एवं संत प्रवीणनाथ महाराज के सान्निध्य में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकमचंद सांवला ने अपने संबोधन में कहा कि 7 नवम्बर 1966 को केन्द्र सरकार के आदेश पर गोली चलाई गई जिसमें सैकड़ों साधु-संत और गोभक्त मारे गए थे। बलिदान हुए सभी संत एवं गोभक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दुर्भावना के शिकार हुए थे। इस दौरान अहिल्या प्रतिमा उद्यान पर गो भक्तों ने गो हत्यारों भारत छोड़ो, गो माता को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करो, भारत माता की जय, गो माता की जय आदि नारे भी लगाए। देवी अहिल्या की प्रतिमा की परिक्रमा करते हुए अशोक गुप्ता के नेतृत्व में सभी गोभक्तों ने शहीद हुए साधु-संतों एवं गोभक्तों को दो मिनट का मौन रखकर शांति पाठ कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन स्वदेश राजोरिया ने किया और आभार माना चेतन्य भारत के महामंत्री संजय महाजन ने। गो सेवा भारती के सह संयोजक कैलाशचंद्र खंडेलवाल ने संस्था की गतिविधयों की जानकारी दी। ज्ञापन का वाचन महामंत्री अनिल जैन ने किया। 101 दीपों से गोमाता की आरती भी की गई।