वैश्य बंधु अपने बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़कर देश के विकास में भी भागीदार बनें
इंदौर, । देश के वैश्य बंधुओं को अब अपने बच्चों को आईएएस और आईपीएस जैसी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। धर्मस्थलों पर दान और धर्म के साथ यदि हमारे वैश्य बंधु अपने बच्चों को उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए भी तैयार करें तो देश के विकास में वैश्य समाज की भागीदारी भी तय हो सकेगी।
वैश्य गुरुमठ श्रीसंस्थान शांताश्रम मठ हल्दीपुर कर्नाटक के मठाधिपति प.पू. वामनाश्रम महास्वामी ने आज सुबह गीता भवन में शहर के वैश्य संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा के दौरान उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि देश के राजस्व में योगदान के साथ अब वैश्य बंधुओं को देश की व्यवस्था में भी भागीदार बनने का प्रयास करना चाहिए। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में वैश्य बालकों ने उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किए हैं। हमारी भावना यही है कि सभी वैश्य बंधु मिलकर प्रयास करें कि उनके बच्चों को कारोबार के साथ उच्च शिक्षा का भी प्रशिक्षण मिले। यदि ऐसा होता है तो देश के विकास में वैश्य बंधुओं का और अधिक महत्व बढ़ जाएगा। इस अवसर पर म.प्र. वैश्य महा सम्मेलन के प्रांतीय महामंत्री अरविंद बागड़ी, रामफल मित्तल, कुलभूषण मित्तल, राजेन्द्र महाजन, राधिकेश सर्राफ एवं संजय बांकड़ा सहित अनेक वैश्य प्रतिनिधियों ने स्वामी वामनाश्रम महास्वामी का स्वागत किया। गीताभवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, न्यासी प्रेमचंद गोयल, रामविलास राठी आदि ने उन्हें भोपाल के लिए विदाई दी।