स्वतंत्र वीर सावरकर जी का बलिदान कोई नही भूल सकता*: *श्री विनीत नवाथे
इंदौर । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रांत सह कार्यवाह श्री विनीत जी नवाथे थे। विनीत जी भाई साहब ने आजादी हमको कैसे प्राप्त हुई आजादी का संघर्ष और भारत की आजादी को अगली पीढ़ी को कैसे संभालना इस विषय पर अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई 1857 नही 1600 ईसवी से प्रारंभ हो गई थी और लाखो कुर्बानी के बाद ये आजादी प्राप्त हुई उन्होंने ये भी बताया कि अंग्रेज या मुगल हमारे देश पर कभी पूरा कब्जा नही कर पाए देश के सभी क्रांतिकारियों की ताकत से आजादी प्राप्त हुई है।
देश के बलिदान का इतिहास लंबा है स्वतंत्र वीर सावरकर के बलिदान को कोई भुला नहीं सकता उनके पूरे परिवार को प्रताड़ना सहन की पर वो डिगे नही उनकी सारी संपत्ति राजसात कर ली गई पर उन्होंने हार नही मानी आज हम 1857 की क्रांति को पड़ पा रहें है तो वीर सावरकर जी के कारण जिस जेल में उन्हें 6 वर्ष रखा उस जेल में उनके भाई भी थे पर यातना की पराकाष्ठा ये थी की उनको ये भी नही पता था की उनका भाई भी इसी जेल में 6 वर्षो से अंग्रेजो की यातना सहन कर रहें है।
देश के इतिहास को कई बार तोड़ा गया और हमे आर्य कहकर देश के बाहर का बताया गया विनीत नवाथे जी ने हिंदू किसे कहते है हिंदू की परिभाषा क्या है धर्म और रिलिजन में क्या अंतर है बहुत ही सुंदर तरीके से स्पष्ट किया अंत में उन्होंने भारत की संस्कृति सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामय की व्याख्या की कार्यक्रम में दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देशराज जैन श्रीमती संध्या जैन डॉक्टर विलास निवासकर डॉक्टर अजय परिहार डॉक्टर मनीष वर्मा अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रस्तावना श्री सागर चौकसे ने रखा और संचालन डॉक्टर मनीष वर्मा और आभार डॉक्टर अजय परिहार ने माना।