शाही सांई भंडारे में अंतिम दिनउ मड़ा भक्तों का सैलाब
इंदौर, । एबी रोड स्थित सांई शक्ति स्थल, बिच्छूदास के बगीचे पर गत 15 अक्टूबर से चल रहे शाही सांई भंडारे में आज दोपहर से लेकर शाम तक तक बारह हजार से अधिक भक्तों ने भोजन प्रसादी का पुण्य लाभ उठाया, वहीं पिछले पांच दिनों में 65 हजार से अधिक भक्तों ने भंडारे में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। बडी संख्या में आज भी आसपास के गांवों-कस्बों के भक्तों सपरिवार आकर भंडारे में छोले-भटूरे, दाल-पकवान, मीठा दलिया, नुक्ति, तीन तरह की रोटी, आलू एवं कद्दू की सब्जी सहित विभन्न व्यंजनों का जायका लिया।
अखंड सांई भंडारा समिति के संस्थापक सांईराम कसेरा, संरक्षक सत्यनारायण पटेल एवं महामंत्री गोविंद शर्मा ने बताया कि इस समूचे भंडारे के दौरान किसी भी तरह की झूठन नहीं छोड़ी गई और भोजन परोसगारी में जुटे सांई भक्तों की प्रेरणा से भंडारा स्थल पर पूरी तरह स्वच्छता का ध्यान भी रखा गया। भंडारा स्थल पर बाबा के दरबार के पूजन के साथ प्रतिदिन शुभारंभ एवं महाआरती के साथ समापन का सिलसिला भी पांचवें दिन जारी रहा। हर दिन भक्तों को अलग-अलग व्यंजन बनाकर हाथोंहाथ परोसे गए। रात्रिकालीन भंडारे की अनुमति नहीं मिल पाई अन्यथा आयोजकों की योजना तो हर चार घंटे में मैन्यू बदलकर नए-नए व्यंजन परोसने की थी। आज भंडारे में धार, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, बड़वानी और आसपास के अन्य गांवों-कस्बों के श्रद्धालु परिवारजनों सहित आए और भोजन के पूर्व सेवा कार्यों में भी हाथ बंटाया। सांई भक्त छोटू शुक्ला, हेमंत पाल, राजेन्द्र गर्ग, केदारनाथ चिंचणी, वासुदेव चावड़ा, सतीश बंसल, प्रवीण कसेरा, आदि ने भी भंडारे में आकर यहां की व्यवस्थाओं को संभालने में मार्गदर्शन किया। रविवार एवं सोमवार को तो वर्षा के बावजूद भक्तों का उत्साह कायम रहा और दोनों दिनों में 15 हजार से अधिक भक्तों ने भंडारे का पुण्य लाभ लिया।
पिछले 13 वर्षों से चल रहे इस अखंड भंडारे में अब तक पांच बार विश्व कीर्तिमान भी दर्ज हो चुका है। गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम ने यहां आकर पिछले पांच वर्षों में लगातार भंडारे की कार्यवाही को रेकार्ड किया है।