गुजराती कॉलेज के पूर्व छात्रों का द्वितीय मिलन समारोह सम्पन्न

इंदौर । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश  विजयवर्गीय ने  ने  कहा यदि उस्ताद मेरा कहा मान लेते तो  आज विधायक-सांसद हो जाते l गुजराती कॉलेज के पूर्व छात्र रहे कैलाश विजयवर्गीय कल  पितृपर्वत पर  गुजराती कालेज के पूर्व छात्रों के  मिलन समारोह  में थे l जब उन्होंने अपने सामने पूर्व छात्र नेता और कांग्रसे के पूर्व पार्षद सुरेश मिंडा को देखा तो सुरेश मिंडा की ओर मुखातिब होकर बोले मिंडा जी उस्तादों के उस्ताद हैं लेकिन इन्होंने गलत कदम उठा लिया। यदि मेरा कहा मान लेते भाजपा में आ जाते तो आज विधायक-सांसद हो जाते। कांग्रेस में रहते पार्षद से आगे नहीं बढ़ पाए।…

गुजराती कॉलेज के पूर्व छात्रों का द्वितीय मिलन समारोह पितृ पर्वत पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव *कैलाश विजयवर्गीय* के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। कॉलेज के मोस्ट सीनियर पूर्व छात्र *सुरेश मिंडा* कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। *प्रो. रमेश मंगल व प्रो. ओ. पी. जोशी* विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम में देश के अनेक राज्यों से आए पूर्व छात्र एवं छात्राएं शामिल हुए। जब छात्रों का मिलन समारोह पितरेश्वर धाम परिसर में चल रहा था, तब इन्द्रदेव अभिषेक कर रहे थे। तेज बारिश के बावजूद पूर्व छात्र, जिनकी औसत आयु 60 वर्ष की है, उनमें जबरदस्त जोश व उत्साह था। सभी ने अपने कालेज के पुराने दिनों को याद किया। पूर्व छात्रों के संस्मरणों को सुनकर प्रोफेसर्स भी भाव विभोर हो गए। *लोकेन्द्र छाजेड़* ने कैलाश विजयवर्गीय और सुरेश मिंडा का आत्मीय स्वागत किया तो मंचासीन सभी अतिथियों के साथ कैलाश विजयवर्गीय ने गुजराती कॉलेज परिवार ग्रुप के एडमिन *विजय अड़ीचवाल* का गुलदस्ता भेंटकर अभिनन्दन किया।
सभी पूर्व छात्राएं, जो दादी – नानी बन गईं, ने अपनी उम्र भूलकर खूब मस्ती की और पुरानी बातें सभी के सामने प्रस्तुत की, जिससे सभी मित्र हॅंसते हुए लोटपोट हो गए। गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के सुदूर शहरों से अनेक पूर्व छात्र – छात्राओं ने आकर कार्यक्रम में शिरकत की। कैलाश विजयवर्गीय और सुरेश मिंडा भी 4 घंटे के लिए छात्र बन गए और खूब ठहाके लगाए। किसी ने शेरो – शायरी की, तो किसी ने किसी की पोल पट्टी खोली।
इस अवसर पर *अनूप जलोटा* के भजनों पर अनेक छात्र – छात्राएं झूम उठे। कैलाश विजयवर्गीय ने भी मॉं की याद में एक भजन गाया, जिसमें सभी श्रोताओं की आंखें नाम हो गई।
कैलाश विजयवर्गीय ने 2 माह पूर्व कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था, तभी से विजय अड़ीचवाल ने गुजराती कॉलेज की चारों फैकल्टी साइंस, कॉमर्स, आर्ट और लॉ के पूर्व छात्रों को आमन्त्रित करने की कवायद शुरू कर दी थी। कार्यक्रम को अन्तिम रूप *के. के. गोयल, शरद काले, महेश दलोद्रा, विनोद सिंघानिया, पवन राठी, लोकेन्द्र छाजेड़, महेश पटेल, गणपत गोयल, गोपाल सिंह गुर्जर, शैलेन्द्र जैन* ने दिया। पूर्व छात्र कीर्ति राणा, सहायक आयुक्त जीएसटी सतीश चन्द्र गुप्ता, मानवेंद्र त्रिवेदी, मुकेश जैन, विपिन भावसार, प्रो. मनोहर दास सोमानी, अनिल शर्मा बंटी, मनमोहन सिंह टुटेजा, बलदेव सिंह चावला, हरजीत सिंह सलूजा, तरनजीत सिंह राजपाल, अजीत छाजेड़, अशोक सांड, आत्माराम अग्रवाल, सुधीर माहेश्वरी (रजत ज्वेलर्स), नन्दकिशोर शर्मा, मीना राणा, इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वय पूर्व उपाध्यक्ष राजेश शर्मा व हरिनारायण यादव, पूर्व पार्षद भरत मथुरावाला, डॉ. दिलीप वाघेला, चन्द्रप्रकाश भागवानी, जितेन्द्र सिंह बैंस कला गोयल, राजश्री खत्री, विनोद गोयल मनोरमा गर्ग, सुमित्रा जोशी, मधुबाला चन्दन, रेखा तिवारी, स्मिता त्रिवेदी, पूर्व पार्षद सुशीला जामले, कल्पना खंडेलवाल, लता जाधव, माधुरी मिश्रा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।
कार्यक्रम का संचालन *द्वारका चौरसिया* (सरकारी तम्बोली) ने किया। सभी ने बहुत ही जल्दी पुनः मिलने का वादा कर विदाई ली। इसके पूर्व सभी ने सुस्वादु व्यञ्जनों का लुफ्त उठाया।