सांईबाबा के अखंड धूने की प्रज्ज्वलित अग्नि से भट्टियों पर बना पहले दिन का भोजन

सांईबाबा के अखंड धूने की प्रज्ज्वलित अग्नि से भट्टियों पर बना पहले दिन का भोजन

इंदौर, । एबी रोड स्थित सांई शक्ति स्थल, बिच्छूदास के बगीचे पर आज से पांच दिवसीय शाही सांई भंडारे का शुभारंभ सांई बाबा की 103वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में बाबा के जयघोष के बीच हुआ। यह भंडारा 19 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 2.30 से रात 8 बजे तक आम भक्तों के लिए खुला रहेगा और यहां प्रतिदिन अलग-अलग व्यंजन परोसे जाएंगे।
अखंड सांई भंडारा समिति के संस्थापक सांईराम कसेरा एवं गोविंद शर्मा ने बताया कि पिछले 13 वर्षों से शिर्डी के सांईबाबा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में हर वर्ष यह भंडारा आयोजित हो रहा है। आज इंदौर शहर सांई सेवा समिति के राजेन्द्र गर्ग एवं श्रीमती छोटू शुक्ला ने सांई बाबा की महाआरती कर इस भंडारे का शुभारंभ किया। इसके पूर्व सांईबाबा के अखंड धूने की अग्नि से भट्टियों में अग्नि प्रज्ज्वलित कर रसोई निर्माण का शुभारंभ हुआ। संयोगवश 103 वर्ष पूर्व बाबा के महाप्रयाण के दिन भी शुक्रवार ही था। यह संयोग 22 वर्ष पूर्व भी बना था। आज पहले दिन भंडारे में आने वाले भक्तों को टेबल-कुर्सी लगाकर सोशल डिस्टेंस के साथ भोजन कराया गया। सीमित लोगों को आमंत्रण देने के बावजूद भंडारे में आज पहले दिन ही 3 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी का पुण्यलाभ उठाया। आज पहले दिन मालपुए, मक्का-ज्वार एवं बाजरे की रोटी, बाबा का खिचड़ा, बेसन, तवे की रोटी और पुलाव आदि व्यंजन परोसे गए।
समिति के गोविंद शर्मा के अनुसार भंडारे में हर दिन नूतन व्यंजन परोसे जाऐंगें जिनमें तवा रोटी, तंदूर रोटी, गेहूं रोटी, मक्का रोटी, ज्वार रोटी एवं पूड़ी, सब्जी में मौसम की सभी प्रचलित सब्जियों का मिश्रण, मिठाईयों में नुक्ती, बेसन की चक्की, मक्खन बड़े, जलेबी, इमरती के अलावा स्पेशल चिवड़ा एवं दाल-चावल तथा इडली सांभर जैसे व्यंजन प्रतिदिन बदल कर परोसे जायेंगे। भक्तों को हर समय ताजी एवं गरम भोजन प्रसादी मिलती रहे, इसके लिए करीब 15 रसोईये 4 गैस भट्टी, 2 लकड़ी की भट्टी, 1 डीजल भट्टी और 4 तंदूर पर यह भोजन प्रसादी तैयार करेंगे। मराठी, राजस्थानी, दक्षिण भारतीय, मालवी, गुजराती एवं पंजाबी व्यंजनों का समावेश भी रहेगा। भंडारे में आने के लिए सोशल डिस्टेंस एवं मास्क की अनिवार्यता सख्ती से लागू रहेगी। भंडारे में इंदौर के समाजसेवी गोपालदास शक्कर वाले, नीलेश भूतड़ा एवं सतीश गोयल भी संचालन समिति में मनोनीत किए गए हैं।
परोसगारी व्यवस्था – परोसगारी के लिए 30 सांई भक्त बारी-बारी से सेवाएं देंगे। प्रतिदिन 15 महिलाएं तवा रोटी बनाएंगी। खास बात, कोई भी भक्त भंडारे में जूठन नहीं छोड़ेगा। इसके लिए 20 कार्यकर्ता भक्तों का मार्गदर्शन करेंगे। भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे हरसंभव भंडारे में दान देकर रसीद अवश्य प्राप्त करें। भक्तों के लिए आर.ओ. मशीन के शुद्ध जल, वाटरप्रूफ शामियाने एवं प्रतीक्षालय में बैठक की व्यवस्था भी रहेगी।
सांई बाबा के अखंड धूने से हुई अग्नि प्रज्वलित – गंभीर नदी के किनारे खड़े हनुमान मंदिर के समीप बिच्छूदास के बगीचे पर सांई बाबा का अखंड धूना प्रज्वलित है। आज दोपहर इस धूने की अग्नि से इस भंडारे की भट्टियों में अग्नि प्रज्वलित कर रसोई निर्माण का शुभारंभ किया गया। 30 हजार वर्गफीट की इस बगीची में समतल भूमि पर भोजनशाला बनाई गई है। पूरे विश्व में सिर्फ महू रोड़ स्थित यह भंडारा ही ऐसा है, जहां पिछले 13 वर्षों से अखंड भंडारे का आयोजन हो रहा है।