प्रशासन को सद्बुद्धि व साहस देने के लिए श्री बड़ा गणपति भगवान को दिया ज्ञापन

*प्रशासन को सद्बुद्धि व साहस देने के लिए श्री बड़ा गणपति भगवान को दिया ज्ञापन

इंदौर,  शहर में *”देवस्थान बचाओ समिति”* के तत्वाधान में गोराकुंड चौराहा स्थित रामद्वारा मंदिर से बड़ा गणपति मंदिर चौराहे तक पैदल मार्च निकाला गया, जिसमें प्रमुख रुप से *समिति के संरक्षक महामंडलेश्वर श्री राधे-राधे बाबा जी एंव संतश्री अमृत राम जी महाराज व बनखंडी राम मंदिर किशनपुरा, तुलसीदास मंदिर, दिगंबर जैन लश्करी गोट मंदिर, रामद्वारा गोराकुंड, मदन मोहन जी मंदिर, प्रणामी राधा कृष्ण मंदिर, गोरेश्वर महादेव मंदिर, गोराकुंड, रामानुज कोट, शिव मंदिर, छोटा गणपति मंदिर, शनि मंदिर थाना मल्हारगंज, वीर हनुमान मंदिर टोरी कॉर्नर, छोटा हनुमान मंदिर कड़ाबीन, आर्य समाज मंदिर, राम मंदिर कड़ाबीन, चारभुजा नाथ मंदिर, दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर, मोदी जी की नसिया, सत्यनारायण मंदिर, लाल मंदिर, राम मंदिर, शीतला माता मंदिर एंव बड़ा गणपति मंदिर के ट्रस्टी, पंडित, पुजारी व भक्त मंडलीया* एवं संत समाज व सामाजिक कार्यकर्ता बंधु शामिल हुई। उक्त जानकारी देते हुए *समिति के संयोजक प्रिंसपाल टोंगिया* ने बताया कि इंदौर शहर में विकास के नाम पर धर्म स्थलों को हटाने में समान कार्यवाही की नीति होना चाहिए जिसके लिए संत समाज व हिंदू समाज का आम नागरिक “देवस्थान बचाओ समिति” के तत्वाधान में आज गोराकुंड चौराहे से बड़ा गणपति मंदिर तक पैदल मार्च करते हुए बड़ा गणपति भगवान के चरणों में इंदौर शहर के विकास के लिए सभी धर्म स्थलों पर एक समान कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन अर्पित किया और बुद्धि के दाता श्री गणेश से अनुरोध किया कि वे शहर के शासन व प्रशासन को सभी धर्म स्थलों पर एक जैसी समान कार्यवाही करने हेतु सद्बुद्धि, साहस व सबल प्रदान करें जिससे पूर्व में भी विकास के नाम पर हिंदू धर्म स्थलों की अवहेलना व विस्थापन व अन्य धर्म स्थलों को यथास्थिति छोड़ दिया जाना, हिंदू मान बिंदुओं पर करारी चोट है व शासन प्रशासन की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। संत समाज व भक्त मंडली इंदौर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, प्रफुल्लित है, गौरवान्वित है, परंतु शासन प्रशासन की यह भेदभाव पूर्ण निती जिससे हमारी सनातन धर्म संस्कृति प्रभावित हो वह हमें मंजूर नहीं है।
अगर शासन-प्रशासन अपनी हठधर्मिता के चलते किसी भी हिन्दू धर्म स्थल पर भेदभाव पूर्ण कार्यवाही करेगा तो वहां का समाज एवं समिति चरणबद्ध आंदोलन के रूप में आगे भी उसका विरोध करेगी।