पाप क्रेडिट कार्ड, पुण्य डेबिट कार्ड-भास्करानंदजी
नक्षत्र सभागृह में ब्रम्हलीन अयोध्यादेवी-शंकरदयाल विजयवर्गीय की स्मृति में भागवत ज्ञान यज्ञ जारी
धूमधाम से मने राम एवं कृष्ण जन्मोत्सव,
इंदौर, । संसार का प्रत्येक जीव हमेशा अखंड रहना चाहता है, मरना कोई नहीं चाहता। भागवत जैसे धर्म ग्रंथ पवित्रता के मार्ग पर बढ़ने के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करते हैं। शुकदेव ने भक्त ध्रुव, प्रहलाद, गजेंद्र और भरत के माध्यम से जो कुछ कहा है, वह हमसब के लिए भी उपयोगी है। भागवत के उपदेश और संदेश हमारे लिए अमृत तुल्य है जो जीवन के संशयों में हमें सही राह दिखाते हैं। हम यदि अपना मुल्यांकन करें तो हर व्यक्ति की फितरत मनमाना आचरण करने की है। पाप क्रेडिट कार्ड है और पुण्य डेबिट कार्ड। पाप प्रवृत्ति पहले अच्छी लगती है लेकिन बाद में विनाश करती है। पुण्य पहले कठिन लगता है, फिर जीवन को संवार देता है।
ये दिव्य विचार हैं श्रीधाम वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद के, जो उन्होने स्कीम 54 स्थित ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर ‘नक्षत्र’ की दूसरी मंजिल पर ब्रम्हलीन श्रीमती अयोध्यादेवी एवं शंकर दयाल विजयवर्गीय की पावन स्मृति में चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञानयज्ञ में व्यक्त किए। कथा श्रवण के लिए आज भी मालवांचल के अनेक साधु-संत भी आए। मधुराष्टक से कथा शुभारंभ अवसर पर जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकुमार अष्ठाना, विधायक रमेश मैंदोला, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, सुभाष बजरंग, राजेंद्र अग्रवाल, पूर्व पार्षद राजेंद्र राठौर, गणेश गोयल, विजयेंद्र सिंह परिहार, धनराज राय, दीपा मीणा, प्रदीप द्विवेदी, यजमान परिवार के कैलाश विजयवर्गीय, आकाश-सोनल विजयवर्गीय, आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। आरती में यजमान परिवार के साथ श्याम मोमबत्ती, विजय मित्तल, श्रीकांत दुबे, भरत मथुरावाला, सुरजीत सिंह वालिया, विजयेंद्र सिंह परिहार आदि ने भाग लिया। संतश्री के साथ पधारी साध्वी कृष्णानंद ने अपने मनोहारी भजनों से भक्तों को आज भी मंत्रमुग्ध बनाए रखा। कथा प्रतिदिन दोपहर 4 से सांय 7 बजे तक होगी। आज सांय कथा में राम एवं कृष्ण जन्म के उत्सव भी धूमधाम से मनाए गए । जैसे ही नन्हे कृष्ण को सुसज्जित टोकनी में ले कर वसुदेव, नंदबाबा और यशोदा मंच पर ले कर आए, सभागृह नंद में आनंद भयो और हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की के जयघोष से गूंज उठे। भक्तों ने पुष्प वर्षा की। माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया। सोमवार 27 सितंबर को गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाएगा मंगलावार 28 सितंबर को रूक्मणी विवाह तथा 29 सिंतबर बुधवार को सुदामा चरित्र प्रसंग की कथा एवं उत्सव होंगे। भक्तों से कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए कथा का पुण्य लाभ उठाने का आग्रह किया गया है।
महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने बालक ध्रुव की भक्ति के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि पाप के्रडिट कार्ड है, जिसे मौज करने में चाहे जितना खर्च करों लेकिन बाद में भुगतान करना ही पड़ेगा जबकि पुण्य डेबिटकार्ड है जिसे पहले जमा करना होता है, फिर खर्च करना। सुख का मुल धर्म है शास्त्र महे बार बार इसीलिए धर्म की ओर प्रेरित करते हैं। धर्म का आश्रय ही हमें सुख प्रदान करेगा। हमारे ऋषि मुनियों ने जो परंपरा स्थापित की है, उसके मूल में यही भाव है कि हम धर्म के मार्ग पर चलें। विडंम्बना यह हैं कि हम वेद, पुराण और धर्म ग्रंथों की बातों को सुनना भी पसंद नहीं करते, मानना तो दूर की बात है। जब कभी हमारा मन मनमाने आचरण की ओर दौड़ने लगे तब शास्त्रों की बातें जरूर रोक देगी।