सोलह वर्ष के बालक ने दस दिनों तक निर्जला तपस्या
पूरी की – टीवी, मोबाइल से दूर रह की मौन साधना

इंदौर, । एयरपोर्ट रोड स्थित अंजनि नगर में कल रात एक 16 वर्षीय बालक जैनम जैन का वरघोड़ा निकाला गया। हाथी, बैंड-बाजे, बग्घियों और लवाजमे के साथ निकले इस वरघोड़े का अंजनि नगर के घर-घर में स्वागत हुआ। जैनम ने गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक लगातार 10 दिनों तक न केवल मौन साधना की है, बल्कि निर्जला उपवास की दस दिवसीय तपस्या भी पूरी की है। इस दौरान टीवी और मोबाइल से दूर रहकर जैनम ने दसों दिन अंजनि नगर के पंच बालयति जिनालय जाकर दोनों समय पूजा-अर्चना भी की। अब जल्द ही यह बालक उच्च शिक्षा के लिए आस्ट्रेलिया जा रहा है।
शहर के एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा 12वीं में पढ़ रहे जैनम ने इस दौरान करीब 400 बच्चों को जैन शासन व्यवस्था के सिद्धांतों की शिक्षा भी दी है। कोरोना काल के प्रारंभिक दौर अर्थात मार्च 2020 से लेकर अब तक जैनम ने 475 विश्व शांति विधान भी पूरे किए हैं जो इस उम्र के बालकों के लिए अपवाद ही है। यही नहीं, जैनम का प्रवेश आस्ट्रेलिया की डेक्कन यूनिवर्सिटी मेलबोर्न में हो चुका है, जहां वह इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई के लिए जल्द ही जाने वाला है। जैनम के पिता राजेश वैद ने बताया कि जैनम ने प्रारंभ से ही अपने हमउम्र दोस्तों के बीच जैन शिक्षा को लेकर अभियान चला रखा है। उपवास के दस दिनों तक उसने पानी भी ग्रहण नहीं किया है। कल रात निकले जुलूस का अंजनि नगर में घर-घर भव्य स्वागत किया गया। विधायक संजय शुक्ला सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी उसे बधाई देने पहंुचे। कोरोना प्रोटोकाल के चलते जुलूस को अंजनि नगर के कुछ क्षेत्रों में ही हाथी पर बैठाकर घुमाया गया अन्यथा समाजबंधुओं का आग्रह तो सभी जैन बाहुल्य क्षेत्रों मंे ले जाने का था ताकि जैनम की उम्र के अन्य बच्चे भी उसके इस संयम और त्याग से प्रेरणा ले सकें। अंजनि नगर के महावीर जैन के अनुसार कालोनी में ऐसा कोई घर नहीं बचा, जहां जैनम के जुलूस का स्वागत नहीं हुआ हो। हर उम्र एवं हर धर्म के लोग इस वरघोड़ा मंे शामिल थे।