संतों और महापुरूषों का जीवन अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए ही होता है – प्रवीण ऋषि म.सा.

संतों और महापुरूषों का जीवन अपने लिए नहीं,
दूसरों के लिए ही होता है – प्रवीण ऋषि म.सा.

इंदौर, । एरोड्रम रोड़ स्थित महावीर बाग पर आज धर्मसभा में उपाध्यायश्री प.पू. प्रवीण ऋषि म.सा. ने श्रमण संघ के आचार्य डॉ. शिवमुनि के 80वें जन्मदिन पर उनके दीर्घायु एवं यशस्वी जीवन की मंगल कामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि संतों और महापुरूषों का जीवन स्वयं के लिए नहीं, दूसरों के लिए ही होता है। समाज और राष्ट्र के प्रति सजग प्रहरी के रूप में डॉ. शिवमुनि का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
नियमित धर्मसभा में महावीर की शासन कथा के दौरान प.पू. उपाध्यायश्री ने श्रमण संघ के आचार्य डॉ. शिवमुनि की सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वे श्रमण संघ में ध्यान साधना देने वाले प्रथम आचार्य हैं। उनके योगदान से समाज ही नहीं, पूरे राष्ट्र ने संयम और त्याग के नए आयाम स्थापित किए हैं। उपस्थित समाजबंधुओं ने डॉ. शिवमुनि के निमित्त आज दो सामायिक का पाठ भी किया। श्री वर्धमान श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति की ओर से संतोष जैन मामा, ने भी उनके शतायु एवं यशस्वी जीवन की शुभकामनाए व्यक्त की। आज उपाध्यायश्री के दर्शनार्थ बागली, नागदा जंक्शन, पुणे, अहमदनगर एवं अन्य शहरों के श्रावक-श्राविकाएं भी महावीर बाग आए। महावीर बाग पर प्रतिदिन सुबह 9 से 10.30 बजे तक महावीर शासन कथा पर आधारित प्रवचनों की अमृत वर्षा जारी है।
सोलह उपवास की तपस्वी का सम्मान – आज चातुर्मास समिति एवं ट्रस्ट की ओर से 16 उपवास की तपस्या करने वाली श्रीमती प्रतिभा बाफना का सम्मान किया गया। सम्मान पत्र का वाचन शैलेष निमजा ने किया।