राम और कृष्ण भारत भूमि के पर्याय

राम और कृष्ण भारत भूमि के पर्याय

इन्दौर, .  राम और कृष्ण इस देश के जनमानस के प्राणतत्व हैं। राम मर्यादा पुरूषोतम हैं तो कृष्ण लीलाधर। राम और कृष्ण भारत भूमि के पर्याय हैं। इन दोनों अवतारों के बिना भारतभूमि की कल्पना भी संभव नहीं है। राम ने जहां समाज को अंत्योदय का संदेश दिया है वहीं कृष्ण ने कंस प्रवृत्ति का नाश किया है। कृष्ण यदि कण-कण में मौजूद हैं तो राम भी रोम-रोम में व्याप्त हैं।
भागवताचार्य पं. हर्ष शर्मा ने आज श्री सनाढ्य ब्राम्हण समाज की प्रतिनिधि संस्था श्री सनाढ्य सभा के तत्वावधान में जूनी इंदौर चंद्रभागा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर पर चल रहे भागवत ज्ञानयज्ञ में कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के दौरान उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। जैसे ही कथा प्रसंग के अनुसार कृष्ण जन्म हुआ और नन्हें कृष्ण को लेकर वसुदेव सुसज्जित टोकनी में लेकर कथास्थल पहुंचे, भक्तों ने पुष्पवर्षा कर ‘नंद में आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की…’ भजन पर नाचते-गाते हुए अपनी खुशियां व्यक्त की। । आज के यजमान गोरांश-सपना कंधौवा के साथ महिला मंडल की ओर से उषा जोशी, घनिष्ठा शर्मा, सीमा शर्मा, पूर्णिमा शर्मा, ममता उपमन्यु, सुधा शर्मा, नीतू शर्मा आदि ने भागवतजी की पूजा की। कथा में संगीतमय भजनों पर भक्तों का नृत्य भी प्रतिदिन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।